महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल: शिंदे गुट के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने दिया इस्तीफा
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना (शिंदे गुट) के विदर्भ कॉर्डिनेटर और विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने अपने सभी पदों से इस्तीफा देकर इस हलचल को और बढ़ा दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी है।
नाराजगी का कारण:
भोंडेकर, जो भंडारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे, ने नई कैबिनेट में स्थान न मिलने को अपनी नाराजगी का कारण बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मेहनत और समर्पण को उचित मान्यता नहीं दी गई। भोंडेकर ने अपनी उपेक्षा का शिकार होने की बात भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार की थी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना:
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भोंडेकर का इस्तीफा शिंदे गुट के भीतर जारी असंतोष को उजागर करता है। इससे पहले भी शिंदे गुट और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान देखी गई थी। विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोंकी थी।
क्या है आगे का रास्ता?
भोंडेकर के इस्तीफे के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के अंदर गुटबाजी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि शिंदे और उनकी पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटते हैं और क्या बीजेपी इस मुद्दे का फायदा उठाकर अपनी पकड़ मजबूत करेगी।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटना ने एक नया मोड़ ला दिया है, और आने वाले दिनों में और अधिक घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।