“डर सबसे बड़ा हथियार है। इसे फैलाने वालों को यह पता होता है कि डर के सहारे जनता को असल समस्याओं से दूर किया जा सकता है।”
देश में इन दिनों एक नए वायरस HMPV (ह्यूमन मेटा-प्नेउमो वायरस) को लेकर अफवाहों का बाज़ार गर्म है। गोदी मीडिया और प्राइवेट अस्पताल माफिया ने इसे कोरोना वायरस जैसा खतरनाक बताते हुए जनता में डर का माहौल पैदा कर दिया है। हालात ऐसे बना दिए गए हैं, मानो देश में एक बार फिर से लॉकडाउन की स्थिति बनने वाली हो।
लेकिन क्या वाकई HMPV वायरस इतना खतरनाक है? या फिर यह केवल एक और चाल है, जिससे जनता का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट जैसे असली मुद्दों से भटकाया जा सके?
HMPV वायरस: क्या है हकीकत?
HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह सामान्य श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जो मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस आम फ्लू की तरह है और इसके लक्षण भी हल्के बुखार, खांसी और गले में खराश तक सीमित रहते हैं।
फिर भी, प्राइवेट अस्पताल माफिया इस स्थिति का फायदा उठाकर महंगे टेस्ट और इलाज थोप रहे हैं। गोदी मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है, ताकि जनता को डराया जा सके।
असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश
आज देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
- महंगाई आसमान छू रही है: पेट्रोल, डीजल, और खाने-पीने की चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
- बेरोजगारी अपने चरम पर है: युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
- रुपया कमजोर हो रहा है: डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक गिरावट पर है।
- उद्योगपति देश छोड़ रहे हैं: बड़े कारोबारी विदेश में अपनी जड़ें जमा रहे हैं।
इन मुद्दों पर चर्चा होने की बजाय, सरकार और मीडिया मिलकर एक नया डर पैदा कर रहे हैं।
प्राइवेट अस्पतालों का नया खेल
महामारी के समय देखा गया कि कैसे प्राइवेट अस्पतालों ने मुनाफाखोरी के लिए लोगों को लूटा। अब HMPV वायरस के नाम पर एक बार फिर से यह खेल शुरू हो गया है।
- महंगे टेस्ट और इलाज के बहाने जनता की जेब खाली की जा रही है।
- अफवाहों के सहारे डर का माहौल बनाया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने HMPV वायरस को लेकर केंद्र सरकार और मीडिया की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह जनता को डराने और असल मुद्दों से भटकाने की साजिश है।
जनता को जागरूक होना होगा
आज का समय डरने का नहीं, बल्कि जागरूक होने का है।
- जनता को चाहिए कि वह अफवाहों और डर के माहौल में न फंसे।
- सही और प्रमाणिक जानकारी पर भरोसा करें।
- असल मुद्दों को समझें और सरकार से जवाबदेही मांगें।
HMPV वायरस से जुड़ी हर खबर को गहराई से जांचने की जरूरत है। डर के माहौल से बाहर निकलकर हमें उन समस्याओं पर फोकस करना होगा, जो हमारे देश को वाकई प्रभावित कर रही हैं।
याद रखें, डर से भटकना नहीं है। सवाल पूछना है। जवाब मांगना है। और सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाना है।