गोरक्षा के नाम पर हिंसा: गौ तस्करी के शक में एक और लिंचिंग, यूसुफ की मौत से उठा सवाल

हरियाणा के पलवल में गौ तस्करी के संदेह में भीड़ द्वारा यूसुफ नामक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यूसुफ पर गौ तस्करी का आरोप लगाते हुए उसे और उसके साथी रवि को भीड़ ने बेरहमी से पीटा। रवि मामूली रूप से घायल हुआ, लेकिन यूसुफ गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मामले की जानकारी
- घटना शुक्रवार को पलवल के औरंगाबाद गांव में हुई।
- पुलिस को जानकारी मिली कि एक वाहन में तीन गायें ले जाई जा रही थीं। यूसुफ बाइक से वाहन की निगरानी कर रहा था।
- पुलिस ने पहले गौ तस्करी का मामला दर्ज किया, लेकिन यूसुफ की मौत के बाद 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का केस भी दर्ज किया गया।
यूसुफ के परिजनों का विरोध प्रदर्शन
यूसुफ के परिजनों ने पुलिस स्टेशन में शव लाकर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में लिंचिंग की बढ़ती घटनाएं
यह घटना कोई नई नहीं है। हरियाणा और देश के कई हिस्सों में गौ तस्करी या गोमांस के संदेह में मुसलमानों को निशाना बनाया गया है।
- चरखी दादरी (2023): साबिर मलिक को उग्र भीड़ ने गोमांस खाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला।
- राजस्थान (2023): नासिर और जुनैद के जले हुए शव हरियाणा के भिवानी में मिले। इस मामले में मोनू मानेसर मुख्य आरोपी बना।
- हापुड़ (2018): गोहत्या के शक में कासिम की हत्या कर दी गई। अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा दी।
गोरक्षा के नाम पर हिंसा
हरियाणा, मेवात और फरीदाबाद में गोरक्षकों के नेटवर्क पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। इन पर वसूली और हिंसा के आरोप भी लगते रहे हैं।
आरएसएस की प्रतिक्रिया
2021 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, “लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। भारत में सभी धर्मों का डीएनए एक है।” उन्होंने मुसलमानों को भय में न रहने का संदेश दिया था।
निष्कर्ष
हरियाणा की ताजा घटना ने एक बार फिर से गोरक्षा और भीड़ हिंसा के मुद्दे को सामने ला दिया है। यह सवाल उठता है कि कानून के होते हुए भी ऐसी घटनाएं क्यों रुक नहीं पा रहीं। पुलिस और प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।