मराठा आरक्षण: मनोज जरांगे ने अनशन समाप्त करने का किया ऐलान, नई रणनीति अपनाने का फैसला

मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने आज (30 जनवरी) को अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाने के लिए अब वह नई रणनीति अपनाएंगे।
जरांगे के साथ 104 कार्यकर्ताओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, ने 25 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू की थी। वे मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
सरपंच संतोष देशमुख की हत्या पर मृत्युदंड की मांग
जरांगे ने बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के दोषियों को मृत्युदंड देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर 2024 को देशमुख का अपहरण कर प्रताड़ित करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
फडणवीस पर लगाया मराठा समुदाय को गुमराह करने का आरोप
जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“मैंने फडणवीस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन वह चुप रहे। मेरा अनशन यह दिखाने के लिए था कि इस मुद्दे पर कौन समर्थन करता है और कौन नहीं।”
उन्होंने चेतावनी दी कि वह मुख्यमंत्री को चैन से नहीं बैठने देंगे और मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
कुनबी समुदाय को ओबीसी में शामिल करने की मांग
मनोज जरांगे की मांग है कि सरकार उस मसौदा अधिसूचना को लागू करे, जिसमें कुनबी समुदाय को मराठा समाज का ‘सगा सोयरा’ (रक्त संबंधी) माना गया है, ताकि उन्हें ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिल सके।
पांचवें दिन बिगड़ी सेहत, अब नई रणनीति पर काम
अनशन के पांचवें दिन उनकी सेहत बिगड़ गई थी और उन्होंने तरल पदार्थ लेने से भी इनकार कर दिया था। हालांकि, स्थानीय लोगों और संतोष देशमुख के परिवार के अनुरोध पर उन्होंने थोड़ा पानी ग्रहण किया।
जरांगे ने कहा,
“सरकार को स्पष्ट करना होगा कि वह मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहती है या नहीं। मैं नई रणनीति के साथ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।”
गौरतलब है कि 1 सितंबर 2023 के बाद से यह मनोज जरांगे का सातवां अनशन था। इससे पहले अंतरवाली सराटी में पुलिस लाठीचार्ज के बाद उन्होंने बड़ा आंदोलन खड़ा किया था।