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गुजरात दंगों के दर्द को आवाज देने वाली जाकिया जाफरी नहीं रहीं, 86 साल की उम्र में निधन

अहमदाबाद: 2002 के गुजरात दंगों में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी का शनिवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे अहमदाबाद में अपनी बेटी के घर पर थीं, जहां सुबह 11:30 बजे के करीब उन्हें मृत घोषित किया गया। उनके बेटे तनवीर जाफरी ने बताया कि जाकिया जाफरी ने अपने अंतिम समय में सामान्य दिनचर्या का पालन किया और परिवार से बातचीत के दौरान अचानक अस्वस्थ महसूस करने लगीं।

गुजरात दंगों में खोया था पति, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी कानूनी लड़ाई
28 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में 59 कारसेवकों की मौत के बाद भड़के दंगों में एहसान जाफरी सहित 69 लोग गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए थे। इस दर्दनाक घटना के बाद जाकिया जाफरी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की।

उन्होंने 2006 में एक याचिका दाखिल कर दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया और मोदी समेत अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जाकिया की याचिका को गुजरात हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2012 में मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट दे दी थी। जाकिया ने इस रिपोर्ट के खिलाफ भी विरोध जताया, लेकिन आखिरकार 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी अपील खारिज कर दी।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जताया शोक
मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने जाकिया जाफरी को याद करते हुए लिखा, “मानवाधिकार समुदाय के लिए जाकिया अप्पा का निधन अपूरणीय क्षति है। उनकी लड़ाई और साहस हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।”

जाकिया जाफरी का संघर्ष भारतीय न्याय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जहां उन्होंने न्याय की उम्मीद में 20 वर्षों तक अदालती लड़ाई लड़ी।

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