दिल्ली विधानसभा चुनाव: त्रिकोणीय मुकाबला, AAP को मिल सकता है बहुमत, BJP और कांग्रेस भी जुटा रही हैं ताकत

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बाकी हैं और इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस के बीच है। चुनाव से पहले विभिन्न पार्टियों की स्थिति का अनुमान ओपिनियन पोल के जरिए लगाया जा रहा है, और इस संदर्भ में इंडिया डेली लाइव द्वारा किए गए ताजा सर्वे ने एक नई तस्वीर पेश की है।
सर्वे के अनुसार, इस बार भी आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता में भारी समर्थन मिल रहा है, और पार्टी की सत्ता में वापसी की संभावना बनी हुई है। सर्वे में यह सामने आया है कि आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना है, जो पार्टी की लोकप्रियता और प्रभावी नीतियों का संकेत देता है। दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी, और शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की योजनाएं आम आदमी पार्टी की बड़ी चुनावी रणनीति बनी हैं, जिनसे जनता संतुष्ट है। खासकर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बीच इन योजनाओं का बड़ा असर दिखाई दे रहा है, जिसके कारण पार्टी को मजबूत समर्थन मिल रहा है।
हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस भी अपनी दावेदारी को मजबूत कर रहे हैं। बीजेपी अपनी केंद्र सरकार की नीतियों और दिल्ली में अपने संगठनात्मक नेटवर्क का फायदा उठाते हुए चुनाव में उतर रही है। पार्टी ने दिल्ली में अपनी कड़ी मेहनत से अपने समर्थकों को सक्रिय किया है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी स्थिति साफ की है। बीजेपी ने महंगाई, बेरोजगारी और दिल्ली के स्थानीय मुद्दों को उठाकर अपनी पार्टी को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश किया है।
वहीं, कांग्रेस भी चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में लगी हुई है। पार्टी दिल्ली में अपनी पहचान को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही है और पुराने कांग्रस समर्थकों को एकत्रित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। कांग्रेस की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को उठाया जा रहा है, हालांकि यह देखना बाकी है कि क्या पार्टी पुराने समर्थन को पुनः हासिल कर पाती है।
इस बार के चुनाव में तीन प्रमुख दलों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, जिसमें आम आदमी पार्टी का रुझान भारी नजर आ रहा है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस की ओर से लगातार चुनावी मैदान में उतरने की कोशिश की जा रही है। अब यह चुनाव परिणामों के दिन ही तय होगा कि कौन दिल्ली की सत्ता में कब्जा जमाता है।