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अरब देशों ने ट्रंप के गाजा पुनर्वास प्रस्ताव को खारिज किया, क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरे की जताई चिंता

काहिरा: शक्तिशाली अरब देशों ने शनिवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस सुझाव को सख्ती से खारिज कर दिया, जिसमें गाजा के फिलिस्तीनियों को पड़ोसी मिस्र और जॉर्डन में स्थानांतरित करने की बात कही गई थी। मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब लीग ने एक संयुक्त बयान जारी कर इस योजना को अस्वीकार करते हुए इसे क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा बताया।

ट्रंप ने क्या कहा था?

पिछले महीने, ट्रंप ने सुझाव दिया था कि गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी को अस्थायी या दीर्घकालिक रूप से मिस्र और जॉर्डन में पुनर्वासित किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि वह इन देशों के नेताओं से आग्रह करेंगे कि वे गाजा की बेघर आबादी को अपने देश में स्वीकार करें ताकि “पूरी चीज़ को साफ किया जा सके।”

ट्रंप का यह बयान हमास और इजरायल के बीच जारी 15 महीने के संघर्ष की पृष्ठभूमि में आया था, जिससे गाजा में भारी तबाही मची है। हालांकि, उनकी इस योजना को अरब देशों ने खतरनाक और अव्यवहारिक करार दिया है।

अरब देशों का कड़ा विरोध

मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, UAE, कतर और अरब लीग के वरिष्ठ नेताओं ने काहिरा में बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि गाजा और कब्जे वाले पश्चिमी तट से फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने की किसी भी योजना का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी किसी भी योजना से क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा होगा और संघर्ष को और भड़काने का जोखिम बढ़ेगा।

अरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल-घीत और वरिष्ठ फिलिस्तीनी अधिकारी हुसैन अल-शेख ने भी इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि इससे शांति और सह-अस्तित्व की संभावनाएं कमजोर होंगी।

मिस्र और जॉर्डन की चिंताएं

मिस्र और जॉर्डन दोनों देशों को आशंका है कि अगर फिलिस्तीनी अपने मूल क्षेत्रों से चले जाते हैं, तो इजरायल उन्हें कभी वापस लौटने नहीं देगा। जॉर्डन पहले से ही 2 मिलियन से अधिक फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शरण दे चुका है और वह अब और अधिक शरणार्थियों को लेने की स्थिति में नहीं है।

मिस्र ने भी गाजा सीमा से लगे सिनाई प्रायद्वीप में फिलिस्तीनियों की बड़े पैमाने पर आमद के सुरक्षा निहितार्थों पर चिंता जताई है। मिस्र और जॉर्डन, इजरायल के साथ शांति समझौता करने वाले पहले देश थे, लेकिन वे कब्जे वाले क्षेत्रों में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के गठन का समर्थन करते हैं।

क्या है अगला कदम?

अरब देशों के कड़े विरोध के बाद ट्रंप के इस सुझाव को अमल में लाना मुश्किल लगता है। गाजा संकट के समाधान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए प्रयास किए जा सकते हैं, लेकिन फिलहाल अरब देशों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने फिलिस्तीनी भाइयों को उनके ही क्षेत्रों में पुनर्वासित करने का समर्थन करेंगे और किसी भी बाहरी पुनर्वास योजना का विरोध करेंगे।

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