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चलती एसटी बस में मामा के बेटे की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

पुणे जिले के खेड तालुका में एकतरफा प्यार के चलते हुई हत्या के मामले में आरोपी अजित कान्हूरकर को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। खेड के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एस. पी. पोळ ने यह फैसला सुनाया। यह घटना 12 जून 2018 को घटी थी, जिसका फैसला साढ़े छह साल बाद आया है।

एकतरफा प्यार बना हत्या की वजह

अजित कान्हूरकर को अपनी मामा की बेटी से एकतरफा प्यार था। लेकिन लड़की और उसके परिवार ने इस रिश्ते से इनकार कर दिया। इस फैसले से नाराज होकर अजित ने पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची। उसने अपने मामा के 18 वर्षीय बेटे श्रीनाथ खेसे की हत्या करके इस साजिश की शुरुआत की।

घटना के दिन श्रीनाथ अपनी छोटी बहन के साथ एसटी बस से खेड की ओर जा रहा था। उसी दौरान बस की पिछली सीट पर बैठे अजित ने धारदार हथियार से श्रीनाथ पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। उसने कोयते (कुल्हाड़ी जैसे धारदार हथियार) से श्रीनाथ के सिर, गर्दन और आंखों पर वार किए, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

आरोपी ने जेल से भी दी धमकी

हत्या के बाद अजित को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जेल में रहते हुए भी उसने अपनी मामा की बेटी को पत्र लिखकर धमकियां दीं। इतना ही नहीं, अदालत में पेशी के दौरान उसने न्यायाधीश के सामने ही लड़की का गला दबाने की कोशिश की।

इन खतरनाक हरकतों को देखते हुए अदालत ने माना कि अगर आरोपी जेल से बाहर आया, तो पीड़ित परिवार को खतरा हो सकता है। इसी के मद्देनजर न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

सोशल मीडिया पर भी किया था अपमानित

अजित और लड़की पुणे के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ पढ़ते थे। लड़की के परिवार ने शादी से इनकार किया तो अजित ने उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और निजी संदेश फेसबुक पर पोस्ट कर दिए।

इस घटना के बाद लड़की ने 8 जून 2018 को खेड पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत से नाराज होकर अजित ने फेसबुक पर लिखा – “माफ कर दो भाईलोग, बहुत तड़पा हूँ। मेरी तरफ से भी सोच लो, उसको भी तड़पना चाहिए।”

सरकारी वकील सागर कोठारी ने इस मामले में अभियोजन पक्ष का पक्ष मजबूती से रखा, जिसके बाद अदालत ने अजित को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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