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झारखंड: रमजान में मुस्लिम कर्मचारियों की समय से पहले छुट्टी से भाजपा के पेट में दर्द

रांची: रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ही झारखंड सरकार के एक फैसले ने सियासी हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को हर दिन शाम 4 बजे ऑफिस छोड़ने की अनुमति दी जाएगी, साथ ही हर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक विशेष रूप से नमाज पढ़ने का समय दिया जाएगा।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कड़ा विरोध

इस आदेश के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे “तुष्टिकरण की राजनीति” करार दिया। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“क्या झारखंड को इस्लामिक स्टेट घोषित करने का समय आ गया है? कांग्रेस का हाथ केवल मुसलमानों के साथ है!”

उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि यह फैसला केवल एक समुदाय को विशेष लाभ देने के लिए किया गया है, जो संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ है।

राजनीतिक गलियारों में बवाल, सरकार की सफाई

सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है, वहीं झारखंड सरकार का कहना है कि यह आदेश मुस्लिम कर्मचारियों की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करने के लिए जारी किया गया है।
सरकार के मुताबिक, इससे कर्मचारियों को रमजान के दौरान इबादत करने में आसानी होगी और उनकी कार्यक्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

रमजान का पाक महीना और उसका महत्व

बता दें कि 2 मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। यह इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है और इस दौरान मुसलमान पूरे महीने रोजे रखते हैं। रोजा रखने वाले लोग इफ्तार और सेहरी के समय पर इबादत करते हैं और रमजान के समापन पर ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं।

आदेश से बढ़ी राजनीतिक गरमाहट

झारखंड सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जहां एक तरफ बीजेपी इसे तुष्टिकरण का मुद्दा बना रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि यह फैसला धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए लिया गया है। अब देखना होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है।

(रिपोर्ट: खासदार टाइम्स डिजिटल)

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