अबू आजमी के समर्थन में अखिलेश, कांग्रेस नेता उदित राज बोले- गलत नहीं किया समर्थन, पेशवा भी क्रूर थे!

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ वाले बयान पर बवाल मचा हुआ है। अब इस विवाद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनके समर्थन में उतर आए हैं। अखिलेश ने कहा कि अगर विचारधारा के आधार पर निलंबन होगा, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या फर्क रह जाएगा?
इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने भी अखिलेश के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने गलत समर्थन नहीं किया है, क्योंकि इतिहास में कई शासकों को क्रूर बताया जाता है, लेकिन हर दौर में अलग-अलग तबकों पर अत्याचार हुए हैं।
उदित राज ने पेशवाओं और शिवाजी का भी दिया उदाहरण
कांग्रेस नेता ने कहा, “इतिहास में बहुत से शासक क्रूर रहे हैं। पेशवा के शासन में भी दलितों, पिछड़ों और महिलाओं की स्थिति दयनीय थी। दलित समाज के लोग गले में हांडी और कमर में झाड़ू बांधकर चलते थे, ताकि उनकी छाया भी उच्च जाति के लोगों पर न पड़े।”
उन्होंने आगे कहा, “छत्रपति शिवाजी की सेना में मुस्लिम सैनिक थे और औरंगजेब की सेना में हिंदू भी थे। उस समय हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी, बल्कि राजाओं के बीच सत्ता संघर्ष था।”
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
उदित राज ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “भाजपा ने उन्हें आधा रिटायरमेंट दे दिया है। जेडीयू कभी 120 सीटों तक पहुंची थी, लेकिन अब भाजपा ने एलजेपी को मजबूत कर उन्हें कमजोर कर दिया।”
उन्होंने दावा किया कि “आने वाले चुनाव में भाजपा खुद ही नीतीश कुमार को अलविदा कह देगी, जैसा उसने अकाली दल और शिवसेना के साथ किया। अब उनके दिन गिने-चुने रह गए हैं।”
Qआर्टिकल 370 और पीओके पर दिया बड़ा बयान
उदित राज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “आर्टिकल 370 हटाने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। आतंकवाद खत्म करने, काला धन रोकने और विकास के दावे खोखले साबित हुए।”
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा ने कहा था कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार को कम से कम पीओके को वापस लेना चाहिए।”
अखिलेश यादव के बयान से गरमाई सियासत
अबू आजमी के बयान के समर्थन में अखिलेश यादव के उतरने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेता उदित राज ने जहां अखिलेश के रुख को सही ठहराया, वहीं भाजपा और अन्य दलों ने इसे कट्टरपंथ का समर्थन बताया है। इस मुद्दे पर आगे क्या मोड़ आता है, यह देखने वाली बात होगी।