क्राइम स्टेट यूपी में फिर हुई मासूम की इज़्ज़त तार–तार, ट्यूशन टीचर ने 15 दिनों तक किया 10 वर्षीय छात्रा का बलात्कार!

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र में एक 10 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार की सनसनीखेज घटना सामने आई है। आरोपी एक ट्यूशन टीचर है, जिसने कोचिंग क्लास के दौरान पीड़िता को करीब 15 दिनों तक अपनी हवस का शिकार बनाया। घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता ने अपनी मां को यह बात बताई। आरोपी ने पीड़िता को घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी मंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बलिया के पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2) (12 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO एक्ट) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फेफना थाने के एसएचओ अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि घटना के बाद आरोपी फरार हो गया था, लेकिन टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसे ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को कानूनी कार्यवाही के बाद जेल भेज दिया गया है।
बलिया में यौन हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी
यह घटना बलिया जिले में यौन हिंसा के बढ़ते मामलों की एक और कड़ी है। पिछले साल दिसंबर में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई थी। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले अक्टूबर 2023 में भी बलिया के कोतवाली क्षेत्र में एक 5 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था, जिसमें किराएदार के तीन नाबालिग बच्चों ने पीड़िता का यौन शोषण किया था।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
इन घटनाओं ने न केवल बलिया बल्कि पूरे देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। बच्चों को सुरक्षित माहौल देने और उन्हें यौन शोषण के खिलाफ शिक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
इस खबर को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से वायरल करके लोगों तक पहुंचाना चाहिए, ताकि समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाई जा सके और पीड़िताओं को न्याय दिलाने की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाए जा सकें।