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नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर हिंसा, पथराव और आगजनी के बाद तनाव

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को उस समय हिंसा भड़क उठी जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके बाद दोनों पक्षों में भारी पथराव हुआ और कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं सामने आईं।

पुलिस ने संभाला मोर्चा, 144 धारा लागू

हिंसा बढ़ने के बाद नागपुर पुलिस ने इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया और हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। अब तक 40 से 50 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है, और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। शहर में शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा को ‘निंदनीय’ बताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नागपुर शांतिपूर्ण शहर है और इसे किसी भी हाल में अशांत नहीं होने दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों को ‘देशद्रोही’ करार दिया और कहा कि औरंगजेब ने महाराष्ट्र को नष्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके वंशजों ने उसके अत्याचारों का विरोध किया था।

विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने नागपुर हिंसा पर कहा कि “शहर ने पिछले 300 सालों में कभी ऐसे दंगे नहीं देखे। लेकिन अब इतिहास को हथियार बनाकर समाज में विभाजन की राजनीति की जा रही है। यह घटना सरकार की विचारधारा को उजागर करती है।”
बीजेपी सांसद नरेश मस्के ने हिंसा के पीछे विपक्ष की साजिश होने की आशंका जताई और कहा कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी।

कब्र को हटाने की मांग तेज

औरंगाबाद में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर VHP और बजरंग दल ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। संगठन के नेताओं का कहना है कि औरंगजेब का इतिहास हिंदुओं पर अत्याचारों से भरा रहा है, इसलिए उसकी कब्र महाराष्ट्र में नहीं रहनी चाहिए। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए औरंगजेब की कब्र वाले क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और वहां जाने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।

शहर में तनाव, लेकिन स्थिति नियंत्रण में

नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर सिंगल ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस सतर्क बनी हुई है। हिंसा में कुछ लोग घायल हुए हैं, लेकिन कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील

केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने भी शहरवासियों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि नागपुर का इतिहास शांति और सद्भाव का रहा है और इसे बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।

निष्कर्ष

नागपुर में हुई हिंसा से माहौल तनावपूर्ण हो गया है, लेकिन पुलिस प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है। सरकार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जबकि विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। नागपुर के नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की गई है।

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