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नागपुर में भड़की हिंसा के बीच मंत्री नितेश राणे का भड़काऊ बयान: “बाबरी मस्जिद जैसी कार्रवाई दोहराने का सही समय आ गया है”

मुंबई/नागपुर: महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव बढ़ता जा रहा है। नागपुर में धार्मिक ग्रंथ के अपमान की कथित घटना के बाद दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई। आगजनी, तोड़फोड़ और मारपीट के इस सिलसिले में कई लोग घायल हुए हैं। इस संवेदनशील माहौल के बीच राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे का भड़काऊ बयान सामने आया है, जिसने हालात को और गंभीर बना दिया है।

17 मार्च को शिवनेरी में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच दिए गए अपने भाषण में राणे ने कहा, “बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, तब किसी ने किसी से पूछकर काम नहीं किया था। अब वैसी ही कार्रवाई दोहराने का सही समय आ गया है।” उन्होंने हिंदुत्ववादी संगठनों से खुलकर कार्रवाई करने की बात कही और कहा कि सरकार अपना कर्तव्य निभा रही है।

नागपुर में भड़की हिंसा

17 मार्च की रात नागपुर में धार्मिक ग्रंथ के अपमान को लेकर हिंसा भड़क उठी। दो समुदायों के बीच झड़प के दौरान दुकानों और घरों में तोड़फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

क्या देश को दंगों की ओर धकेला जा रहा है?

मंत्री पद पर रहते हुए नितेश राणे का यह बयान न केवल संविधान और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाला है, बल्कि यह स्पष्ट संकेत देता है कि वह देश को एक बार फिर सांप्रदायिक दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। बाबरी विध्वंस जैसी घटनाओं का जिक्र कर वे खुलेआम हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

ऐसे भड़काऊ बयान के बावजूद प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। क्या महाराष्ट्र सरकार अपने ही मंत्री पर कोई कार्रवाई करेगी? या फिर राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया जा रहा है?

आगे क्या?

नागरिक संगठनों और विपक्षी दलों ने नितेश राणे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस तरह के बयान न सिर्फ देश की शांति के लिए खतरा हैं, बल्कि कानून और न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।

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