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राउत का बयान: मोदी-शाह तानाशाही से लड़ने के लिए गठबंधन ज़रूरी

दिल्ली चुनाव नजदीक आते ही इंडिया गठबंधन में फूट की खबरें जोर पकड़ रही हैं। आम आदमी पार्टी के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने भी गठबंधन से नाता तोड़ने के संकेत दिए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने हाल ही में कहा कि इंडिया गठबंधन का कोई वजूद नहीं बचा है और यह दोबारा नहीं बन सकता।

गठबंधन को बचाने की अपील

हालांकि, सोमवार को राउत ने इंडिया गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “देश की सबसे बड़ी समस्या मोदी और अमित शाह की तानाशाही है। संविधान पर हो रहे हमलों के खिलाफ लड़ाई के लिए गठबंधन जरूरी है।”

कांग्रेस पर साधा निशाना

राउत ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गठबंधन की बैठक न होने का जिम्मा कांग्रेस का है, क्योंकि वह गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है। उन्होंने संवाद की कमी को गठबंधन की सबसे बड़ी कमजोरी बताया।

उमर अब्दुल्ला के बयान पर असहमति

जम्मू-कश्मीर के नेता उमर अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, “गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए जरूर बना था, लेकिन इसका उद्देश्य केवल चुनाव तक सीमित नहीं था।”

स्थानीय चुनाव को लेकर सफाई

संजय राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय निकाय चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) ने कभी गठबंधन का हिस्सा बनने की बात नहीं की थी। उन्होंने कहा, “जब हम भाजपा में थे, तब भी स्थानीय चुनाव अपने दम पर लड़ते थे।”

आगे का रास्ता

संजय राउत के इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इंडिया गठबंधन अपने अंदरूनी मतभेद सुलझा पाता है या नहीं। फिलहाल, गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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