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“अबू आज़मी पर इम्तियाज़ जलील का वार – ‘भाजपा से मिलकर खेल रहे हैं राजनीति का खेल’”

औरंगाबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने एक बार फिर अपनी बेबाक राय रखते हुए औरंगजेब विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एबीपी माझा के माझा विजन कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि गोवंडी में बड़े पैमाने पर ड्रग्स का कारोबार चल रहा है, लेकिन कुछ लोग इस गंभीर मुद्दे को विधानसभा में उठाने के बजाय 400 साल पुराने औरंगजेब के मुद्दे पर विवादित बयान दे रहे हैं।

अबू आजमी पर साधा निशाना

औरंगजेब पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में इम्तियाज जलील ने अबू आजमी की कड़ी आलोचना की और उनका पक्ष लेने के लिए निंदा की। उन्होंने कहा कि “किसी भी मुसलमान ने औरंगजेब की तस्वीर जलाने का विरोध नहीं किया। कोई भी मुसलमान मुगलों से अपना संबंध नहीं जोड़ता।”

सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

इम्तियाज जलील ने सत्ताधारी भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को पहले से ही पता था कि संतोष देशमुख हत्याकांड, लाडली बहना योजना में 2100 रुपये का वितरण और किसान कर्जमाफी जैसे मुद्दों पर वह घिर जाएगी। इसलिए, जब इन सवालों का कोई जवाब नहीं था, तब जनता का ध्यान भटकाने के लिए 400 साल पुराने मुद्दों को उछाला गया।

उन्होंने कहा, “जब औरंगजेब का मुद्दा उठता है, तो कोई पानी की समस्या पर सवाल नहीं करता, कोई स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर सवाल नहीं उठाता। पिछले 400 वर्षों में जितना औरंगजेब को नहीं पढ़ा गया, उससे कहीं ज्यादा पिछले महीने में पढ़ लिया गया है। भाजपा ने ही औरंगजेब को दोबारा जिंदा किया है।”

भाजपा और अबू आजमी के संबंधों का दावा

इम्तियाज जलील ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अबू आजमी की मदद की थी और उनकी सहमति से उम्मीदवार खड़े किए गए। उन्होंने कहा, “भाजपा और अबू आजमी के बीच गठजोड़ किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने मेरे खिलाफ भी एक उम्मीदवार खड़ा किया था, जिसे 5000 वोट मिले और मैं मात्र 2000 वोटों से हार गया।”

धर्म की राजनीति पर जताई नाराजगी

हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर बात करते हुए जलील ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “दुख इस बात का नहीं है कि धर्म का धंधा हो रहा है, बल्कि दुख इस बात का है कि पढ़े-लिखे लोग भी इसमें अंधे हो रहे हैं।” उन्होंने सरकार से विकास कार्यों पर ध्यान देने की अपील की और कहा कि जनता को असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

क्या कहते हैं जलील के बयान के मायने?

इम्तियाज जलील के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। उन्होंने जहां सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, वहीं विपक्ष के नेताओं को भी आड़े हाथों लिया। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत में नई हलचल मच सकती है।

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