लोकसभा स्थगित, वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर विस्तृत रिपोर्ट

लोकसभा स्थगन और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा
आज सुबह 11 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मणिपुर में जारी हिंसा का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मई 2023 में शुरू हुई हिंसा अब तक जारी है और राष्ट्रपति शासन लागू होने में 21 महीने का समय लग गया।
थरूर ने बताया कि इस हिंसा में अब तक 250 से 300 लोगों की मौत हो चुकी है, 70 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं और हजारों अब भी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 5600 से अधिक हथियार और 6.5 लाख गोलियां पुलिस के गोदामों से लूट ली गईं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा में पारित
रात 1:56 बजे लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया गया। इस पर लगभग 1 घंटे 50 मिनट तक वोटिंग चली।
वोटिंग का विवरण:
- कुल 464 वोट दर्ज हुए
- विधेयक के पक्ष में: 288 वोट
- विधेयक के विरोध में: 232 वोट
विधेयक पर स्पीकर ओम बिरला ने आधिकारिक आंकड़ों की घोषणा की। मतदान इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से हुआ, जिसमें कुल 439 वोट दर्ज हुए, जिनमें से 196 पक्ष में और 243 विरोध में पड़े।
विधेयक पर संशोधन प्रस्ताव और अस्वीकृति
- असदुद्दीन ओवैसी, इमरान मसूद, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, अरविंद सावंत, गौरव गोगोई, केसी वेणुगोपाल, मोहम्मद जावेद, राजेश रंजन, के राधाकृष्णन, ईटी मोहम्मद बशीर, आगा रुहुल्लाह मेहदी सहित कई सांसदों ने विधेयक में संशोधन के प्रस्ताव रखे।
- इनमें से अधिकांश संशोधन ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिए गए।
- खंड 25 से 27, 28, 40ए और 41, 42-44, 13-14, 15-ए को संशोधनों के साथ विधेयक में शामिल किया गया।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
- उन्होंने इस विधेयक को “भारत के मुसलमानों के इबादत पर हमला” बताया।
- उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है।
- उनका दावा था कि यह मुसलमानों के खिलाफ एक जंग है और केंद्र सरकार का असली मकसद मुसलमानों को जलील करना है।
- उन्होंने इस विधेयक को महात्मा गांधी की तर्ज पर फाड़ने का प्रदर्शन भी किया।
राहुल गांधी (कांग्रेस)
- उन्होंने कहा कि “वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने के लिए लाया गया है।”
- उन्होंने इसे भाजपा और RSS द्वारा संविधान पर हमला करार दिया और दावा किया कि भविष्य में अन्य समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा।
अफजाल अंसारी (सांसद, गाजीपुर)
- उन्होंने पूछा कि “वक्फ संपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए अलग विधेयक की जरूरत क्यों पड़ी?”
- सरकार को पहले से मौजूद व्यवस्थाओं को मजबूत करने पर काम करना चाहिए था।
सरकार का पक्ष
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू
- उन्होंने कहा कि “अगर यह विधेयक असंवैधानिक होता, तो अदालत इसे रद्द कर देती।”
- उन्होंने AIMIM प्रमुख ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि “हिंदुओं के लिए पहले से ही कानून मौजूद हैं, इसलिए उनके लिए अलग से प्रावधान की जरूरत नहीं है।”
जगदंबिका पाल (JPC चेयरमैन, BJP सांसद)
- उन्होंने कहा कि “सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जा रहा है।”
- उन्होंने ओवैसी द्वारा विधेयक को फाड़े जाने की कड़ी निंदा की और इसे “असंवैधानिक कार्य” बताया।
निष्कर्ष
- विपक्ष ने वक्फ संशोधन विधेयक को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया।
- सरकार का तर्क था कि यह विधेयक केवल पारदर्शिता और वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन के लिए लाया गया है।
- संशोधनों को लेकर लंबी बहस चली, लेकिन अंततः विधेयक को लोकसभा में पारित कर दिया गया।
- अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इस पर आगे चर्चा होगी।