वक्फ संशोधन विधेयक पर अमानतुल्लाह खान का तीखा हमला – ‘यह गुंडागर्दी और तानाशाही’

नई दिल्ली: लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर सियासत गरमा गई है। दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने इस बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश करार दिया है। उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि सरकार वक्फ की संपत्तियों को हड़पना चाहती है और यह ‘गुंडागर्दी और तानाशाही’ का उदाहरण है।
‘वक्फ की जमीनों पर कब्जा करना चाहते हैं’ – अमानतुल्लाह खान
AAP विधायक ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,
“गृहमंत्री अमित शाह को यह बताना चाहिए कि वे 123 प्रॉपर्टी के साथ क्या करने वाले हैं? दिल्ली गेट, जोर बाग, कब्रिस्तान, पार्लियामेंट हाउस की मस्जिद – क्या यह सब कब्जा कर लेंगे? बहुत सारी वक्फ प्रॉपर्टी रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं, लेकिन यह वक्फ बाय यूजर की जमीनें हैं, जिन्हें अब हड़पने की साजिश की जा रही है।”
‘इंडिया गठबंधन जो तय करेगा, हम उसके साथ’
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले ही इस विधेयक का विरोध कर चुका है और जरूरत पड़ी तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी करेंगे।
“जंतर-मंतर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन में मैं भी शामिल हुआ था। हम पूरी तरह से उनके साथ हैं। संसद में भी विरोध जारी रहेगा और इंडिया गठबंधन जो तय करेगा, हम पूरी ताकत से उसके साथ खड़े हैं।”
‘गैर-मुस्लिम को वक्फ में क्यों लाना चाहते हैं?’
अमानतुल्लाह खान ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी के प्रबंधन में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का क्या तर्क है?
“गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में किसी और का दखल नहीं होता, मंदिर और चर्च में भी ऐसा नहीं होता, तो फिर वक्फ प्रॉपर्टी में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की कोशिश क्यों हो रही है? यह साफ तौर पर कब्जा करने की योजना है।”
सरकार का दावा – मुसलमानों के हित में है विधेयक
गौरतलब है कि 2 अप्रैल 2025 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। सरकार और उसके सहयोगी दलों का कहना है कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि मुसलमानों के हित में है। हालांकि, विपक्ष इसे मुसलमानों को टारगेट करने और वक्फ संपत्तियों को हड़पने की साजिश बता रहा है।
राजनीतिक संग्राम जारी
इस विधेयक पर देशभर में बहस छिड़ चुकी है। जहां एक ओर सरकार इसे सुधारात्मक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साजिश करार दे रहा है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और बड़े राजनीतिक टकराव देखने को मिल सकते हैं।