लोकसभा में राहुल गांधी का सरकार पर हमला: ट्रंप के टैरिफ और चीन अतिक्रमण का उठाया मुद्दा

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को शून्यकाल के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए अमेरिका और चीन से जुड़े गंभीर मुद्दों को सदन में उठाया। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क (टैरिफ) को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी बताया और सरकार से पूछा कि वह इस पर क्या कदम उठाने जा रही है।
ट्रंप के टैरिफ पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा, “हमारे साझेदार देश अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है जो हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा। ऑटो उद्योग, दवा उद्योग और कृषि पर इसका सीधा असर पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि अमेरिका हमसे 52 प्रतिशत शुल्क वसूलने की बात कह रहा है और इसके जवाब में वह भारत पर 26 प्रतिशत का शुल्क थोप रहा है, जो भारतीय उद्योगों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
चीन से जुड़ा तीखा हमला
राहुल गांधी ने चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण के मुद्दे को दोहराते हुए आरोप लगाया कि चीन अब भी भारत के 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा किए हुए है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “चीन ने हमारी ज़मीन ले ली, हमारे 20 जवान शहीद हो गए, और हमारे विदेश सचिव चीन के राजदूत के साथ केक काट रहे हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि यह किस तरह का संदेश है और सरकार इस विषय पर पारदर्शिता क्यों नहीं बरत रही है।
सरकार की नीति पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा चीन को पत्र लिखे गए, लेकिन इसकी जानकारी देश को चीन के राजदूत से मिल रही है, न कि भारत सरकार से। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत और चीन के रिश्ते सामान्य हों, लेकिन इसके लिए पहले सीमाओं पर पूर्व की स्थिति बहाल होनी चाहिए।”
RSS और बीजेपी की विदेश नीति पर कटाक्ष
राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस की विदेश नीति पर भी निशाना साधा और कहा, “जब इंदिरा गांधी से पूछा गया कि वह बाएं झुकती हैं या दाएं, तो उन्होंने कहा कि मैं भारतीय हूं और सीधी खड़ी हूं। लेकिन भाजपा और आरएसएस का दर्शन यह है कि वे हर विदेशी के सामने सिर झुकाते हैं। यह उनकी संस्कृति और इतिहास का हिस्सा है।”
राहुल गांधी के इन बयानों के बाद सदन में राजनीतिक गर्माहट देखने को मिली और सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने इसका विरोध किया।