रामनवमी पर दंगों की साजिश! कब्रिस्तान में आगजनी और तोड़फोड़, मुसलमानों ने सुझबूझ से बचाया औरंगाबाद शहर

औरंगाबाद शहर के नावाडीह मुहल्ला स्थित कब्रिस्तान में शनिवार देर रात असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया। शरारती तत्वों ने कब्रिस्तान की एक इमारत की दीवार को नुकसान पहुंचाया और कई कब्रों पर रखी चादरों को आग के हवाले कर दिया, जिससे वे जलकर राख हो गईं।
रविवार सुबह जब स्थानीय लोगों को इस घटना की जानकारी मिली तो बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान में जमा हो गए। माहौल तनावपूर्ण हो सकता था, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने बेहद संयम और शांति का परिचय दिया। किसी भी प्रकार का प्रदर्शन या विरोध नहीं किया गया, जिससे किसी बड़ी अप्रिय घटना की आशंका टल गई।
घटना की सूचना मिलते ही एसडीपीओ-1 संजय कुमार पांडेय और नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया और कब्रिस्तान परिसर में मौजूद लोगों के साथ बैठक की। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि इस कृत्य में शामिल असामाजिक तत्वों की पहचान कर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मौजूद नागरिकों ने स्पष्ट किया कि यह पूरी साजिश सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने के इरादे से की गई है, जिसे हम सफल नहीं होने देंगे। समुदाय के लोगों ने पुलिस प्रशासन को पूरा सहयोग देने की बात कही और शहर की गंगा-जमुनी तहज़ीब को बरकरार रखने का संकल्प लिया।
स्थानीय लोगों और कब्रिस्तान कमेटी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। कमेटी के सदर सैयद गुलाम मख़ानी उर्फ हक्कू ने मांग की है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर समाज के सामने लाया जाए। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता मुमताज अहमद जुगनू ने कहा कि मुर्दों से दुश्मनी समझ से परे है। यह हरकत इंसानियत के खिलाफ है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर कोई भी भड़काऊ पोस्ट या तस्वीर साझा न करें, जिससे माहौल बिगड़ने की संभावना हो। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों की मानें तो असामाजिक तत्वों की मंशा मार्च 2018 की तरह रामनवमी के अवसर पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की थी, लेकिन मुस्लिम समाज की जागरूकता और शांतिप्रिय रवैये ने इस साजिश को पूरी तरह विफल कर दिया।