वन नेशन-वन इलेक्शन पर सियासी घमासान: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने किया कड़ा विरोध
Asaduddin Owaisi News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट द्वारा “वन नेशन-वन इलेक्शन” प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद देश में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका तीखा विरोध किया। ओवैसी ने इसे लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि “वन नेशन-वन इलेक्शन” से क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है, जो बीजेपी के एजेंडे का हिस्सा है।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश में संघ परिवार का एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि चुनाव से पैसे बचते हैं तो क्या कल पुलिस या अन्य व्यवस्थाएं भी बंद कर दी जाएंगी? उनके अनुसार, मौजूदा चुनाव प्रणाली से जनता को फायदा होता है और क्षेत्रीय मुद्दों को उठाने का अवसर मिलता है। ओवैसी का मानना है कि पीएम मोदी और आरएसएस नहीं चाहते कि क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान दिया जाए, इसलिए वे इस योजना के जरिए राष्ट्रीय पार्टी को बढ़ावा देना चाहते हैं।
ओवैसी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर भी वन नेशन-वन इलेक्शन के खिलाफ पोस्ट किया। उन्होंने इसे संघवाद और लोकतंत्र पर आघात बताया और कहा कि यह संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। ओवैसी का कहना है कि बार-बार चुनाव से लोकतांत्रिक जवाबदेही मजबूत होती है, और इसे खत्म करने का प्रयास नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी वन नेशन-वन इलेक्शन पर आपत्ति जताई है। खरगे ने इसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया, जबकि पवार ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह व्यवहारिक नहीं है।