राजघाट पर गांधीगिरी आंदोलन: आरक्षण और वक़्फ़ मुद्दों पर आवाज़ उठाई
Amjad Khan Pathan
दिल्ली, 2 अक्टूबर: अखिल भारतीय मुस्लिम आरक्षण संघर्ष समिति, इंक्रेडिबल ग्रुप और लोकसेना संगठन की ओर से, असलम बागवान और प्रोफेसर इलियास इनामदार के नेतृत्व में आज महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर राजघाट पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच एक बड़ा सामाजिक आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में सरकार से मुस्लिम आरक्षण, वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर मांग की गई।
प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार से अपनी मांगों को जल्द पूरा करने का आह्वान किया। इस आंदोलन को विशेष रूप से पाणी आंदोलन की अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता, आदरणीय मेधा पाटकर ने समर्थन दिया। उन्होंने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया, “जब भी आप आवाज़ देंगे, मैं आपके साथ खड़ी रहूँगी।”
इस दौरान लद्दाख आंदोलन के नेता सुमन वांशिक वांगड़ू की गिरफ्तारी का भी कड़ा विरोध किया गया और लद्दाख बचाओ आंदोलन को पूरा समर्थन देने की घोषणा की गई। किसान आंदोलन से जुड़े नेता, महाराष्ट्र से कई सामाजिक कार्यकर्ता, और दिल्ली की विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी इस आंदोलन में शामिल हुए।
हालांकि, पुलिस की सख्ती के कारण सभी प्रदर्शनकारियों को एक साथ आंदोलन में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली, जिसके चलते आंदोलनकारी अलग-अलग समूहों में बंटकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बावजूद आंदोलन ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी और आंदोलनकारियों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया।
अंत में, असलम इसाक बागवान और मुजम्मिल फ़ारूक़ ने सभी आंदोलनकारियों और समर्थकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस गांधीगिरी आंदोलन में भाग लेकर इसे सफल बनाया।
मुख्य मांगे:
- मुस्लिम आरक्षण का संरक्षण।
- वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा।
- लद्दाख बचाओ आंदोलन का समर्थन।
प्रमुख चेहरे:
- मेधा पाटकर (पाणी आंदोलन की कार्यकर्ता)
- सुमन वांशिक वांगड़ू (लद्दाख आंदोलन के नेता)
- असलम बागवान और प्रो. इलियास इनामदार (नेतृत्वकर्ता)