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कैलिफ़ोर्निया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर हमला, दीवारों पर मोदी के खिलाफ अभद्र ग्रैफिटी

कैलिफ़ोर्निया के चीनो हिल्स में स्थित बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर, जो राज्य का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है, शनिवार को तोड़फोड़ का शिकार हुआ। इस हमले के बाद हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन ने इसे हिंदू विरोधी घृणा अपराध बताते हुए एफबीआई से तत्काल जांच की मांग की है।

तस्वीरों में मंदिर की दीवारों पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गाली-गलौज भरी ग्रैफिटी देखी गई, जिससे साफ है कि यह हमला सिर्फ धार्मिक स्थल पर नहीं बल्कि हिंदू समुदाय के खिलाफ घृणा फैलाने का प्रयास भी है।

हिंदू समुदाय ने की एकता की अपील

बीएपीएस संगठन ने इस घटना की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी किया। उन्होंने लिखा, “चीनो हिल्स और दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया के समुदाय के साथ मिलकर, हम कभी भी घृणा को जड़ें नहीं जमाने देंगे। हमारी सामान्य मानवता और विश्वास यह सुनिश्चित करेंगे कि शांति और सहानुभूति विजयी हों।”

बीएपीएस – वैश्विक स्तर पर हिंदू मंदिरों का नेटवर्क

बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संप्रदाय) की स्थापना 1905 में हुई थी और इसके दुनियाभर में 1,300 से अधिक हिंदू मंदिर हैं। इनमें से कई शिखरबद्ध मंदिर हैं, जो लंदन, शिकागो, टोरंटो और नैरोबी जैसे प्रमुख शहरों में स्थित हैं। चीनो हिल्स का यह मंदिर भी इन्हीं में से एक है, जिसका उद्घाटन 2012 में हुआ था।

एफबीआई जांच और सुरक्षा की मांग

इस हमले के बाद अमेरिकी हिंदू समुदाय में चिंता बढ़ गई है। हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि “यह नवीनतम हिंदू विरोधी अपराधों की कड़ी का हिस्सा है, जिसकी गहन जांच और कड़ी कार्रवाई जरूरी है।”

हिंदू मंदिरों पर बढ़ते हमले

हाल के वर्षों में अमेरिका और अन्य देशों में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। यह हमला हिंदू समुदाय के लिए सिर्फ एक इमारत पर हमला नहीं, बल्कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक पहचान पर हमला माना जा रहा है। एफबीआई जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस घृणित कृत्य के पीछे कौन लोग हैं और उनके इरादे क्या थे।

हिंदू समुदाय में आक्रोश, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने हिंदू समुदाय को झकझोर कर रख दिया है और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि एफबीआई इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और दोषियों पर कब तक कार्रवाई होती है।

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