बाबा सिद्दीकी हत्याकांड पर चौतरफा निंदा: खरगे, पवार, ओवैसी समेत कई नेताओं की मांग- निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई
मुंबई के बांद्रा पूर्व इलाके में शनिवार शाम एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। तीन अज्ञात हमलावरों ने बांद्रा स्थित कोलगेट मैदान के पास सिद्दीकी पर उस समय गोलीबारी की, जब वह अपने बेटे और बांद्रा ईस्ट के विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय से बाहर निकल रहे थे। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सीएम एकनाथ शिंदे का बयान: दो शूटर हिरासत में, तीसरा फरार
घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जानकारी दी कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्ध शूटरों को हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए दो शूटरों में से एक उत्तर प्रदेश से और दूसरा हरियाणा से है, जबकि तीसरा आरोपी अभी फरार है। सीएम शिंदे ने कहा, “किसी भी कीमत पर आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले किसी भी शख्स को सख्त सजा दी जाएगी।”
शिंदे ने आगे कहा कि मुंबई पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि इस घटना की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या के पीछे सुपारी किलिंग का एंगल हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की न्याय की मांग
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से इस मामले में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की। खरगे ने कहा, “यह हत्या बेहद दुखद और निंदनीय है। सरकार को दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए तेजी से काम करना चाहिए। न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि ऐसा अपराध दोबारा न हो।”
शरद पवार की सरकार पर तीखी आलोचना, कानून व्यवस्था ध्वस्त
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बाबा सिद्दीकी की हत्या को दुखद बताते हुए महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पर सवाल खड़े किए। पवार ने कहा, “राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। मुंबई जैसे शहर में एक पूर्व मंत्री की हत्या होना बेहद चिंताजनक है। अगर राज्य की गाड़ी को इतनी नरमी से चलाया जाएगा, तो आम नागरिकों के लिए यह खतरे की घंटी है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और कानून व्यवस्था को सख्त करना चाहिए।”
ओवैसी और नाना पटोले ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बाबा सिद्दीकी की हत्या को निंदनीय बताया और महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए। ओवैसी ने कहा, “यह हत्या इस बात का प्रतीक है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था किस हद तक खराब हो चुकी है।”
वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस घटना को अपराधियों को दी जा रही राजनीतिक शह का परिणाम बताया। पटोले ने कहा, “बाबा सिद्दीकी जैसे वरिष्ठ नेता भी अब राज्य में सुरक्षित नहीं हैं। यह घटना सरकार की अपराधियों के प्रति नरमी का नतीजा है।”
कई नेताओं ने जताया शोक, कानून व्यवस्था पर जताई चिंता
शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे ने भी बाबा सिद्दीकी की हत्या को चौंकाने वाला बताया और कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा, “यह घटना इस बात का प्रतीक है कि राज्य में अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं।”
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बाबा सिद्दीकी की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “बाबा सिद्दीकी मेरे पुराने मित्र थे और उन्होंने हमेशा अल्पसंख्यक समुदाय के लिए संघर्ष किया। उनकी हत्या से पूरे समुदाय को गहरा आघात पहुंचा है।”
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने भी इस घटना को कानून व्यवस्था की विफलता बताया और कहा, “यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि राज्य में सुपारी किलिंग जैसी घटनाओं का बढ़ता हुआ प्रभाव है। जांच के बाद यह साफ हो जाएगा कि इस हत्या के पीछे कौन था और किसने इसे अंजाम दिया।”
मुंबई की कानून व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस घटना पर गहरा रोष जताते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। दुबे ने कहा, “मुंबई अपनी कानून व्यवस्था के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब ऐसा लगता है कि राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। एक पूर्व मंत्री की हत्या यह साबित करती है कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है।”
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा, “बाबा सिद्दीकी जैसे वरिष्ठ नेता की हत्या से गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने मुंबई में बड़ा नाम कमाया और उनका समाज के प्रति योगदान हमेशा याद किया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।”
बाबा सिद्दीकी की हत्या पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
शिवसेना नेता कृष्णा हेगड़े ने भी बाबा सिद्दीकी की हत्या की निंदा की और कहा, “मैं उन्हें पिछले 35 साल से जानता हूं। उनका निधन बहुत ही दुखद है। हालांकि, यह कहना गलत होगा कि मुंबई में कानून व्यवस्था का पूरी तरह से अभाव है। पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।”
कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “बाबा सिद्दीकी लंबे समय तक कांग्रेस का हिस्सा रहे और उनकी हत्या से राज्य में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं।”
मुंबई में अपराध का बढ़ता प्रभाव
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने एक बार फिर मुंबई में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान खींचा है। राज्य सरकार को अब इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में विश्वास बहाल हो सके। पुलिस और राज्य प्रशासन को मिलकर इस मामले की तह तक पहुंचना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषी सजा से बच न पाएं।