2025 महाकुंभ मेले में मुस्लिम दुकानदारों पर प्रतिबंध का विवाद
प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ मेले को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने निर्णय लिया है कि इस पवित्र आयोजन में मुस्लिम दुकानदारों को दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। परिषद का कहना है कि यह कदम धार्मिक आयोजन की पवित्रता बनाए रखने और संभावित अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए उठाया गया है।
परिषद के इस फैसले का कई संतों, जैसे कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समर्थन किया है। उनका मानना है कि केवल सनातन धर्म से जुड़े लोगों को ही मेले में भागीदारी मिलनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार की सांप्रदायिक स्थिति न बने।
हालांकि, मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इसे समाज को विभाजित करने वाला बताया और चेतावनी दी कि इससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने भी इस निर्णय की आलोचना की और कहा कि यदि मुस्लिम दुकानदारों को महाकुंभ से बाहर रखा गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
महाकुंभ मेले में दुकानें लगाने से हजारों मुस्लिम व्यापारी अपनी जीविका अर्जित करते हैं। ऐसे में उनका बाहर होना न केवल आर्थिक रूप से नुकसानदेह होगा बल्कि इससे समाज में अविश्वास और दूरी बढ़ने का भी खतरा है। प्रशासन की ओर से अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं आया है, लेकिन अखाड़ा परिषद के इस निर्णय पर समाज के विभिन्न वर्गों में विरोधाभास बढ़ता जा रहा है।