संभल हिंसा पर गरमाई सियासत: अखिलेश यादव ने भाजपा पर रचा “साजिश का खेल” होने का आरोप
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की “साजिश” करार दिया। उन्होंने दावा किया कि मस्जिद सर्वेक्षण की यह कार्रवाई उपचुनाव में भाजपा की कथित अनियमितताओं और धांधली से ध्यान हटाने के लिए की गई थी।
क्या बोले अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने कहा कि शनिवार को घोषित हुए उपचुनाव के नतीजों में भाजपा और सहयोगी दलों ने सात सीटें जीतीं, जबकि समाजवादी पार्टी को केवल दो सीटें मिलीं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हिंसा के जरिए भाजपा ने चुनावी गड़बड़ियों पर चर्चा रोकने की कोशिश की।
उन्होंने सवाल उठाया, “जब मस्जिद का सर्वेक्षण पहले ही किया जा चुका था, तो फिर से नया सर्वे सुबह-सुबह क्यों किया गया? वह भी बिना किसी तैयारी के?” यादव ने इसे जानबूझकर की गई कार्रवाई बताते हुए कहा कि इससे केवल भावनाओं को भड़काने और अराजकता पैदा करने का उद्देश्य था।
चुनाव में “धांधली” का आरोप
अखिलेश ने भाजपा पर उपचुनाव के दौरान “इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों और समर्थकों को पुलिस और प्रशासन ने मतदान केंद्रों से हटा दिया। उन्होंने सवाल किया, “अगर हमारे समर्थक वोट नहीं डाल पाए, तो वोट किसने डाले?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतदान के दौरान दो तरह की पर्चियां इस्तेमाल की गईं, जिससे भेदभाव हुआ। यादव ने कहा, “हमने पहले ही इस पर सवाल उठाया था, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। निष्पक्ष जांच होने पर सच्चाई सामने आएगी।”
भाजपा पर बड़ा हमला
यादव ने हिंसा को भाजपा की “चुनावी साजिश” बताते हुए कहा कि यह सब चुनावी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार प्रशासन और पुलिस का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
संभल हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है, और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मामले में जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम बनाई गई है, लेकिन सियासी बयानबाजी ने प्रदेश की स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है।