EVM पर MVA का प्रहार, प्रियंका चतुर्वेदी ने 95 सीटों पर वोटों में अंतर का दावा किया
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाविकास आघाड़ी (MVA) ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, और एनसीपी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाए सवाल
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में 95 सीटों पर डाले गए और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर पाया गया है। उन्होंने कहा, “करीब 76 सीटों पर गिने गए वोट, डाले गए वोटों से कम हैं। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या EVM को वोटों में छेड़छाड़ का माध्यम बनाया जा रहा है।”
वोटों के अंतर का आरोप
चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र के अखबारों का हवाला देते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि EVM और वीवीपीएटी (VVPAT) के मिलान की प्रक्रिया में भी खामियां उजागर हुई हैं।
MVA की बैलेट पेपर की मांग
महाविकास आघाड़ी ने आरोप लगाया है कि EVM की प्रणाली सुरक्षित नहीं है और इसे छेड़छाड़ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गठबंधन ने चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की अपील की है।
भाजपा ने खारिज किए आरोप
दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि चुनाव परिणाम जनता के जनादेश का सम्मान हैं। पार्टी ने कहा कि हार का सामना करने वाले दल अब बेबुनियाद आरोप लगाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
अगली कार्रवाई की तैयारी
महाविकास आघाड़ी इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराने और कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रही है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “EVM की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना लोकतंत्र की प्राथमिकता होनी चाहिए।”
यह देखना होगा कि चुनाव आयोग विपक्ष की मांग पर क्या कदम उठाता है और EVM विवाद को लेकर आगे क्या स्थिति बनती है।