संभल हिंसा पर अखिलेश यादव का तीखा हमला, वकील विष्णु जैन की तस्वीर शेयर कर उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा से जुड़े विवाद में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु जैन की तस्वीर साझा करते हुए पूछा, “जिन्होंने बवाल शुरू किया और फसाद की वजह बने, उनकी तस्वीरें कब लगेंगी?”
क्या है मामला?
संभल हिंसा के मामले में पुलिस ने पत्थरबाजी और उपद्रव में शामिल लोगों की तस्वीरें सार्वजनिक स्थानों पर लगाने की बात कही है।
- हिंसा में शामिल 25 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
- सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल नामजद हैं।
- 2,750 अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है।
अखिलेश का निशाना क्यों?
अखिलेश यादव ने विष्णु जैन की तस्वीर साझा कर यह सवाल उठाया कि हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों की तस्वीरें कब सार्वजनिक की जाएंगी।
- विष्णु जैन वही वकील हैं जो ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा कृष्ण जन्मभूमि विवाद जैसे मामलों में अदालत में हिन्दू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
- अखिलेश के इस बयान को सांप्रदायिक मुद्दों पर भाजपा और उसके समर्थकों पर निशाना साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
पुलिस का बयान
- पुलिस ने हिंसा में शामिल 9 लोगों की पहचान की है।
- 2,750 अज्ञात लोगों की पहचान के लिए पोस्टर और तस्वीरें जारी की गई हैं।
- पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है।
समाजवादी पार्टी का रुख
संभल हिंसा मामले में पार्टी के नेताओं के नाम सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया है।
- पार्टी का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।
- अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
विपक्ष के आरोप
विपक्षी दलों का कहना है कि प्रदेश सरकार हिंसा और सांप्रदायिक मुद्दों का इस्तेमाल करके ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
- कांग्रेस ने भी अखिलेश के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को केवल एक समुदाय को निशाना बनाने की बजाय निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।
विवाद का राजनीतिक महत्व
संभल हिंसा का मामला राज्य की राजनीति में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
- भाजपा जहां इसे कानून व्यवस्था का मामला बता रही है, वहीं समाजवादी पार्टी इसे राजनीतिक उत्पीड़न करार दे रही है।
- अखिलेश यादव का विष्णु जैन पर निशाना हिंदू-मुस्लिम राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकता है।
क्या कहता है कानून?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से हिंसा में शामिल लोगों की तस्वीरें जारी करने का फैसला विवादित रहा है।
- आलोचकों का कहना है कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
- समर्थकों का दावा है कि यह कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम है।
निष्कर्ष
संभल हिंसा का मामला कानूनी जांच से अधिक राजनीतिक जंग का रूप लेता जा रहा है। अखिलेश यादव के विष्णु जैन पर बयान ने इसे और भड़काने का काम किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर क्या रुख अपनाते हैं और न्यायिक प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।