नई दिल्ली: राजस्थान के अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखे आरोप लगाए हैं। ओवैसी ने कहा कि भाजपा इस तरह के विवादों के जरिए धार्मिक ध्रुवीकरण कर रही है और देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना चाहती है।
“अजमेर दरगाह 800 साल पुरानी है”
मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि अजमेर की दरगाह शरीफ 800 साल पुरानी है और यह हमेशा से भारतीय संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक रही है। उन्होंने कहा:
“अजमेर दरगाह को लेकर पहले कभी इस तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। दरगाह पर तो हर साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चादर चढ़ाते हैं और उनसे पहले भी कई प्रधानमंत्रियों ने ऐसा किया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में धार्मिक स्थलों पर विदेशी प्रतिनिधिमंडल भी आते रहे हैं, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है।
“1991 वर्शिप एक्ट की अनदेखी हो रही है”
ओवैसी ने इस विवाद को लेकर भाजपा सरकार पर 1991 के वर्शिप एक्ट को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत धार्मिक स्थलों की स्थिति को 1947 के आधार पर बरकरार रखना जरूरी है। उन्होंने कहा:
“मोदी सरकार इस एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोई जवाब नहीं दे रही है। इसकी आड़ में धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है।”
“राम मंदिर के फैसले के बाद से बढ़े विवाद”
ओवैसी ने यह भी कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाया था, तभी उन्होंने कहा था कि इसके बाद देश में कई और धार्मिक स्थलों को विवादों में घसीटा जाएगा। उन्होंने कहा:
“अब तक 15 से ज्यादा मस्जिदों और दरगाहों पर केस दर्ज हो चुके हैं। यूपी के संभल में भी मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा किया गया है।”
“भाजपा-RSS के इशारे पर काम कर रहे लोग”
ओवैसी ने कहा कि देशभर में जितनी भी मस्जिदें और दरगाहें हैं, वहां भाजपा और RSS के कथित प्रायोजित लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि इस तरह के लोग झूठे दावे करके धार्मिक स्थलों को विवादों में घसीट रहे हैं। ओवैसी ने सवाल उठाया:
“अजमेर दरगाह के मामले में जिस किताब का हवाला दिया जा रहा है, उसमें ठोस सबूत कहां हैं? अगर मैं कल प्रधानमंत्री के घर के नीचे मस्जिद का दावा कर दूं, तो क्या वहां खुदाई का आदेश दिया जाएगा?”
सियासत गरमाई, माहौल तनावपूर्ण
इस विवाद के बाद देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा ने ओवैसी के आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं, अन्य विपक्षी दल भी भाजपा पर इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए हवा देने का आरोप लगा रहे हैं।
“दरगाह शरीफ हमारी विरासत है”
ओवैसी ने कहा कि अजमेर की दरगाह सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि ऐसे विवादों पर सख्त कदम उठाए जाएं और धार्मिक स्थलों को राजनीति से दूर रखा जाए।
नोट: अजमेर दरगाह पर विवाद के चलते प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है। धार्मिक और राजनीतिक नेताओं से अपील की गई है कि वे भड़काऊ बयानबाजी से बचें और अमन-चैन बनाए रखने में सहयोग करें।