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सुप्रीम कोर्ट का सर्वे पर रोक का आदेश: असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले का किया स्वागत

नई दिल्ली, 13 दिसंबर, 2024 – सुप्रीम कोर्ट द्वारा धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने के फैसले का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने में मदद करेगा।

ओवैसी का बयान: देश में दंगे रोकने का कदम

ओवैसी ने कहा, “जब प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 बनाया गया था, तब इसका उद्देश्य था कि देश में दंगे न हों और अमन-चैन बना रहे। हाल ही में संभल में जिस तरह एक ही दिन में केस दर्ज हुआ, डेढ़ घंटे में ऑर्डर आया, और उसके बाद हुए सर्वे के दौरान दंगे भड़क गए, उसमें पांच निर्दोष मुसलमानों की हत्या कर दी गई। यह बेहद दुखद है।”

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ

ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सही दिशा में उठाया कदम बताया। उन्होंने कहा, “अब कोई नया केस दायर नहीं होगा और न ही कोई नया सर्वे होगा। जब तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चलेगी, तब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी। यह देश में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दंगे रोकने और मासूम लोगों की जान बचाने के लिए अहम है।”

प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों की स्थिति को 15 अगस्त 1947 की स्थिति के अनुसार बनाए रखने के लिए बनाए गए प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं होता, तब तक किसी तरह का सर्वे या नया मुकदमा दायर नहीं होगा।

संभल में हिंसा का जिक्र

संभल में हाल ही में हुए दंगे, जहां धार्मिक स्थल को लेकर विवाद के दौरान पांच निर्दोष मुसलमानों की हत्या हो गई थी, को लेकर ओवैसी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण है।

राजनीतिक और सामाजिक संदेश

ओवैसी ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का पालन करके देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने इस कानून को खत्म करने की कोशिशों की आलोचना की और कहा कि इससे न केवल कानून-व्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि देश में दंगे भी भड़क सकते हैं।

यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद का एक महत्वपूर्ण बयान है, जो धार्मिक विवादों को कम करने और देश में शांति बनाए रखने के प्रयास को रेखांकित करता है।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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