नंदकिशोर गुर्जर ने बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ छेड़ा अभियान, की सेना शासन लागू की मांग
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी क्षेत्र से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपने इलाके में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान का अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को अपने क्षेत्र में जाकर स्थानीय लोगों के आधार कार्ड और पहचान पत्रों की जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि कई लोग, जिनके पास दिल्ली के आधार और वोटर कार्ड थे, वास्तव में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से आए थे।
विधायक का बड़ा बयान: सेना के शासन की मांग
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि देश में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसके समाधान के लिए उन्होंने देश में सेना का शासन लागू करने तक की बात कही।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पुलिस और प्रशासन ने इस दिशा में कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें हिंदूवादी संगठनों के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करना पड़ेगा।
दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप
विधायक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने चुनावी लाभ के लिए बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बसाया है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों में बसे घुसपैठियों को बिजली, पानी और अन्य सरकारी सुविधाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए ये घुसपैठिए सरकारी लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जबकि आम नागरिकों को इन सेवाओं के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
अपराधों में बढ़ोतरी का दावा
विधायक गुर्जर ने कहा कि इन घुसपैठियों की वजह से क्षेत्र में अपराध, गायों की हत्या, चोरी और बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने पुलिस और बिजली विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी लापरवाही के चलते घुसपैठियों को यहां रहने का मौका मिल रहा है।
असम और महाराष्ट्र की तर्ज पर अभियान की मांग
विधायक ने असम और महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भी ऐसे घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि अगर यह स्थिति बनी रही तो यह देश के लिए गंभीर संकट बन सकती है।
हिंदूवादी संगठनों से समर्थन की अपील
विधायक ने हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय नागरिकों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, तो उन्हें जनसहयोग के जरिए इन घुसपैठियों को बाहर निकालना होगा।
विवाद और सियासी हलचल
विधायक के इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला बयान करार दिया है। वहीं, समर्थकों का कहना है कि घुसपैठियों की पहचान और निष्कासन देशहित में जरूरी है।
क्या होगी सरकार की प्रतिक्रिया?
घुसपैठियों पर बयान और सेना की मांग से उपजे विवाद के बीच अब यह देखना होगा कि राज्य और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है। स्थानीय प्रशासन पर भी सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।