हिंदू राष्ट्र के लिए नया संविधान तैयार, 2 फरवरी को कुंभ मेले में होगा अनावरण

प्रमुख बिंदु:
- 501 पन्नों का दस्तावेज: हिंदू राष्ट्र संविधान निर्मल समिति ने तैयार किया मसौदा
- लक्ष्य 2035 तक: भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का है उद्देश्य
- मोदी सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव: दस्तावेज पर शुरू होगी सार्वजनिक बहस
- संविधान समिति के सदस्य: संस्कृत विद्वान और सनातन धर्म के विशेषज्ञ
- आरएसएस से संबंधों पर चुप्पी: क्या यह संघ की दीर्घकालिक परियोजना का हिस्सा?
विस्तार से:
हिंदू राष्ट्र संविधान निर्मल समिति द्वारा तैयार किए गए 501 पन्नों के नए संविधान का अनावरण 2 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर कुंभ मेले में किया जाएगा। समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने बताया कि उनका उद्देश्य 2035 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना है और यह दस्तावेज उसी दिशा में सार्वजनिक बहस को तेज करने का प्रयास है।
समिति के सदस्य देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, जैसे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, से जुड़े संस्कृत और सनातन धर्म के विद्वान हैं। हालांकि समिति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से अपने संबंधों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या यह दस्तावेज संघ की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है।
दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के अन्य नेता आज भी संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के धर्मनिरपेक्ष संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह नया दस्तावेज अंबेडकर के संविधान को फिर से लिखने की कोशिश है या इसे भी पूर्व के ऐसे प्रयासों की तरह भुला दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण सवाल:
- क्या यह प्रस्ताव भारत की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा करेगा?
- क्या मोदी सरकार इस पर विचार करेगी या इसे अनदेखा कर देगी?
- आरएसएस की भूमिका कितनी निर्णायक है इस प्रक्रिया में?
इस दस्तावेज के अनावरण के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसकी प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।