महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बढ़े मतदान पर संदेह, हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को भेजा नोटिस

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अभी भी संदेह जताया जा रहा है। चुनाव में अचानक बढ़े मतदान को लेकर अब तक चुनाव आयोग ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। इसी बीच वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख एडवोकेट प्रकाश आंबेडकर द्वारा दायर याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
हाईकोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
76 लाख वोटों का डेटा चुनाव आयोग के पास नहीं?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अंतिम चरण में मतदान कैसे बढ़ा, इस पर संदेह जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई शुरू की।
सुनवाई के दौरान एक RTI के जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में पड़े 76 लाख वोटों का डेटा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, शाम 5 से 6 बजे के बीच पड़े 76 लाख वोटों की ‘Pre Numbered Slip’ का भी रिकॉर्ड आयोग के पास नहीं है।
इस पर एडवोकेट प्रकाश आंबेडकर ने सवाल उठाया कि आखिर 76 लाख अतिरिक्त वोटों का हिसाब क्यों नहीं है?
हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
याचिका में दो प्रमुख मुद्दे उठाए गए हैं:
- शाम 6 बजे के बाद हुए मतदान का रिकॉर्ड: चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या अंतिम समय में पड़े वोटों का रिकॉर्ड उपलब्ध है।
- वोटों की गिनती में पारदर्शिता: चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि मतों की गणना के दौरान सीटवार रिकॉर्ड मिलान किया गया था या नहीं।
हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।
प्रकाश आंबेडकर की मांग – मतदान प्रक्रिया की जानकारी सार्वजनिक करें
एडवोकेट प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि शाम 6 बजे के बाद मतदान के लिए एक विशेष प्रक्रिया होती है। अब यह जानना जरूरी है कि क्या वह प्रक्रिया सही तरीके से अपनाई गई थी। लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, “हमने गेंद चला दी है, अब राजनीतिक दलों और जनता को इसमें भाग लेना होगा ताकि चुनाव आयोग पारदर्शिता बनाए रखे। यदि चुनाव आयोग दावा कर रहा है कि मतदान निष्पक्ष हुआ है, तो उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि वोटिंग प्रक्रिया कैसे हुई।”
अब देखना होगा कि चुनाव आयोग हाईकोर्ट में क्या जवाब देता है और क्या इस मामले में आगे कोई कार्रवाई की जाती है।