Forbes Powerful Country List 2025: भारत टॉप 10 से बाहर, रैंकिंग पर उठे सवाल

नई दिल्ली: फोर्ब्स ने 2025 के लिए दुनिया के 10 सबसे ताकतवर देशों की सूची जारी की है, जिसमें भारत को शामिल नहीं किया गया है। यह रैंकिंग अमेरिका के यूएस न्यूज द्वारा तैयार की गई है और इसमें पांच प्रमुख मापदंडों—नेतृत्व, आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव, मजबूत अंतरराष्ट्रीय संबंध और सैन्य शक्ति—के आधार पर देशों को स्थान दिया गया है।
अमेरिका पहले, चीन-दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर
इस सूची में अमेरिका को पहला, चीन को दूसरा और रूस को तीसरा स्थान मिला है। इसके अलावा, यूके (4), जर्मनी (5), दक्षिण कोरिया (6), फ्रांस (7), जापान (8), सऊदी अरब (9) और इजरायल (10) को शामिल किया गया है।
पावर रैंक | देश | GDP (ट्रिलियन डॉलर) | जनसंख्या (करोड़) | क्षेत्र |
---|---|---|---|---|
1 | अमेरिका | 30.34 | 34.5 | उत्तरी अमेरिका |
2 | चीन | 19.53 | 141.9 | एशिया |
3 | रूस | 2.2 | 14.4 | यूरोप |
4 | UK | 3.73 | 6.91 | यूरोप |
5 | जर्मनी | 4.92 | 8.45 | यूरोप |
6 | दक्षिण कोरिया | 1.95 | 5.17 | एशिया |
7 | फ्रांस | 3.28 | 6.65 | यूरोप |
8 | जापान | 4.39 | 12.37 | एशिया |
9 | सऊदी अरब | 1.14 | 3.39 | एशिया |
10 | इजरायल | 0.55 | 0.94 | एशिया |
भारत को क्यों नहीं मिला स्थान?
भारत की विशाल जनसंख्या (140 करोड़), चौथी सबसे बड़ी सेना और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद इसे इस सूची में जगह नहीं दी गई है। इस फैसले पर कई विशेषज्ञों और आम नागरिकों ने सवाल उठाए हैं।
यह रैंकिंग WPP की इकाई BAV ग्रुप द्वारा तैयार की गई है और शोध कार्य पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के प्रोफेसर डेविड रीबस्टीन के नेतृत्व में किया गया। हालांकि, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सूची भारत के वैश्विक प्रभाव को सही तरीके से मापने में विफल रही है।
फोर्ब्स की रैंकिंग पर उठे सवाल
भारत को सूची से बाहर रखने के फैसले की आलोचना हो रही है। भारत वैश्विक कूटनीति में एक मजबूत भूमिका निभा रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है। लेकिन इसके बावजूद इस सूची में न होना, रैंकिंग प्रणाली पर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सूची पूरी तरह निष्पक्ष नहीं हो सकती और यह वैश्विक राजनीति से भी प्रभावित हो सकती है।
क्या फोर्ब्स को भारत की बढ़ती शक्ति नजरअंदाज करनी चाहिए? यह सवाल अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा का विषय बन गया है।