Breaking NewsInternationalUttar Pradesh

अबू धाबी: शहजादी की फांसी का वक्त तय, पिता ने लगाई बेटी को बचाने की गुहार

उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली शहजादी को अबू धाबी की जेल में सजा-ए-मौत सुनाई गई है। उसके पिता शब्बीर खान ने बेटी से आखिरी फोन कॉल के बाद दावा किया कि उसे सुबह तक फांसी दी जा सकती है। जेल प्रशासन ने उसे माता-पिता से आखिरी बार बात करने की इजाजत दी।

शहजादी ने फोन पर कहा, “यह मेरा आखिरी कॉल है, केस वापस ले लो। अब कुछ नहीं बचा।” माता-पिता रोते हुए उसे दिलासा देते रहे, लेकिन शहजादी ने किसी भी मदद की उम्मीद छोड़ दी थी।

हत्या के आरोप में सजा-ए-मौत

अबू धाबी में घरेलू नौकरी के दौरान जिस परिवार के यहां शहजादी काम कर रही थी, उनके चार महीने के बच्चे की मौत के लिए उसे दोषी ठहराया गया। पिता का आरोप है कि बच्चे की मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया गया और शहजादी पर दबाव डालकर जुर्म कबूल करवाया गया।

मानव तस्करी का शिकार

2021 में आगरा के उजैर नामक व्यक्ति ने शहजादी को लग्जरी लाइफ और चेहरे के इलाज का लालच देकर दुबई भेजा था। उजैर ने उसे नाजिया और फैज नाम के दंपति को बेच दिया। शहजादी ने उन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।

सरकार से मदद की गुहार

पिता ने दिल्ली और विदेश मंत्रालय से लेकर यूपी सरकार तक हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। अब वे बेटी को बचाने की आखिरी उम्मीद के साथ सरकार से गुहार लगा रहे हैं।

बचपन की पीड़ा से लेकर सजा-ए-मौत तक का सफर

बचपन में आग से झुलसने के कारण चेहरे पर निशान बन गए थे, जिससे वह मानसिक पीड़ा में रहती थी। रोटी बैंक में काम करने वाली शहजादी उजैर के जाल में फंस गई और अब मौत की कगार पर है।

सरकार और सामाजिक संस्थाओं से अब शहजादी के माता-पिता ने बेटी की फांसी रुकवाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
hi Hindi