पश्चिम बंगाल: 2026 में भाजपा की सरकार बनी तो मुस्लिम विधायकों को बाहर करेंगे – शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने एक विवादास्पद बयान देकर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा, “अगली सरकार बनने पर भाजपा मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाल देगी।” राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, और फिलहाल ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार है। अधिकारी के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
टीएमसी का हमला: ‘घृणा फैलाने वाला बयान’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने इस बयान को ‘भड़काऊ’ और ‘संविधान विरोधी’ बताते हुए विरोध जताया है। हाल ही में भाजपा विधायक तापसी मंडल टीएमसी में शामिल हुई थीं, जिसके बाद अधिकारी के इस बयान ने विवाद को और बढ़ा दिया है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “यह बयान न केवल खतरनाक और भड़काऊ है, बल्कि यह संविधान के मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है। यह एक आपराधिक कृत्य है।”
शुभेंदु अधिकारी को किया गया था निलंबित
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को 17 फरवरी तक विधानसभा से निलंबित किया गया था। निलंबन के बाद उन्होंने ममता सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “यह सरकार मुस्लिम लीग के दूसरे संस्करण की तरह काम कर रही है। बंगाल की जनता इस बार इन्हें सत्ता से बेदखल कर देगी।”
शुभेंदु के पुराने विवादित बयान
यह पहला मौका नहीं है जब शुभेंदु अधिकारी के बयान पर विवाद हुआ हो। इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद, उन्होंने पार्टी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, “हमें अल्पसंख्यक मोर्चे की जरूरत नहीं है। जो हमारे साथ हैं, हम उनके साथ हैं।” उनके इस बयान से पार्टी के अंदर भी असहमति देखी गई थी।
भाजपा के सामने चुनौतियां
पश्चिम बंगाल में भाजपा लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है:
- विधायकों का पार्टी छोड़ना: 2021 के बाद से 12 भाजपा विधायक टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। इनमें तापसी मंडल, मुकुल रॉय, कृष्ण कल्याणी और बिस्वजीत दास जैसे नाम शामिल हैं।
- लोकसभा चुनाव में गिरता प्रदर्शन: 2019 में भाजपा ने बंगाल में 18 सीटें जीती थीं, लेकिन 2024 में उसका प्रदर्शन कमजोर रहा।
- विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन: 2021 में भाजपा को सिर्फ 77 सीटें मिलीं, जबकि टीएमसी ने 213 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी।
भाजपा का रुख क्या होगा?
शुभेंदु अधिकारी के इस बयान पर अभी तक भाजपा नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब सवाल यह है कि पार्टी उनके बयान से दूरी बनाएगी या उनका समर्थन करेगी। पश्चिम बंगाल में अगले चुनाव से पहले यह बयान भाजपा के लिए फायदेमंद होगा या नुकसानदायक, यह देखने वाली बात होगी।