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चालीसगांव-औरंगाबाद रेलवे मार्ग को मंजूरी, सर्वे के लिए 2.32 करोड़ रुपये स्वीकृत

प्रतिनिधि: अशरफ़ अली

कन्नड़: पिछले दस वर्षों से लंबित चालीसगांव-वाया-कन्नड़-औरंगाबाद रेलवे मार्ग को अंततः सर्वेक्षण की मंजूरी मिल गई है। वर्ष 2015-16 में इस मार्ग का प्रारंभिक सर्वेक्षण किया गया था, लेकिन केंद्र सरकार की उदासीनता और बजट की कमी के कारण इस परियोजना को स्थगित कर दिया गया था।

हालांकि, कन्नड़ तालुका के लोगों के निरंतर प्रयासों और संघर्ष के चलते अब इस रेलवे मार्ग के अंतिम सर्वेक्षण को स्वीकृति मिल गई है। इसके लिए सरकार ने 2 करोड़ 32 लाख 50 हजार रुपये की राशि मंजूर की है। यह रेलवे मार्ग कुल 93 किलोमीटर लंबा होगा, और जल्द ही इसका सर्वेक्षण कर सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

संघर्ष समिति के आंदोलन के बाद मिली मंजूरी

इस परियोजना को जल्द मंजूरी दिलाने के लिए संघर्ष कृती समिति की ओर से 15 अगस्त 2024 को संभाजीनगर के विभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने छह दिनों तक धरना आंदोलन किया गया था। इसमें कन्नड़ तालुका के नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

रेलवे मार्ग के अलावा, चालीसगांव घाट में सुरंग (बोगदा) निर्माण की भी लंबे समय से मांग की जा रही है, जिससे कन्नड़ तालुका के विकास को गति मिलेगी। इस मांग को लेकर संघर्ष समिति के डॉ. अण्णासाहेब शिंदे, अशोक दाबके और डॉ. सदाशिव पाटील ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पालकमंत्री सुभाष देसाई और दिल्ली में केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विन कुमार तथा रेलवे राज्य मंत्री रावसाहेब पाटील दानवे से मुलाकात कर एक लाख नागरिकों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा था।

उद्योग और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

माननीय उच्च न्यायालय द्वारा चालीसगांव घाट से भारी वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाने के कारण कन्नड़ तालुका के व्यवसाय प्रभावित हुए थे। इस नए रेलवे मार्ग के निर्माण से यहां व्यापार और उद्योग को नई दिशा मिलेगी।

अब, औरंगाबाद के सांसद संदीपान भुमरे और विधायक संजना जाधव के नेतृत्व में जल्द ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर घाटी में सुरंग निर्माण पर निर्णय लेने की योजना है। इस रेलवे परियोजना को मंजूरी मिलने से कन्नड़ तालुका के नागरिकों और व्यापारियों में हर्ष और उत्साह का माहौल बना हुआ है।

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