वाराणसी जिला जेल में महिला अधिकारियों की सुरक्षा खतरे में? डिप्टी जेलर के आरोपों से हड़कंप

वाराणसी: वाराणसी जिला जेल की डिप्टी जेलर मीना कनौजिया ने जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले डेढ़ साल से वह उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। मीना कनौजिया का कहना है कि उमेश सिंह ने उनके कामकाज और पहनावे को लेकर टिप्पणियां कीं और जब उन्होंने उनके घर बुलाने की पेशकश ठुकरा दी, तो उत्पीड़न और बढ़ गया।
“मेरी और परिवार की जिंदगी खतरे में”
डिप्टी जेलर मीना कनौजिया ने मीडिया के सामने आकर कहा,
“अब मुझे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता है। माननीय मुख्यमंत्री जी से मैं न्याय की गुहार लगा रही हूं, क्योंकि बड़े अधिकारी उमेश सिंह के खिलाफ बोलने से डरते हैं। इससे पहले भी डिप्टी जेलर रतन प्रिया ने उन पर ऐसे ही आरोप लगाए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
जेल अधीक्षक पर मनमानी करने के आरोप
मीना कनौजिया ने आरोप लगाया कि उमेश सिंह अपनी मनमानी चलाना चाहते हैं और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनके खिलाफ प्रताड़ना और बढ़ा दी गई।
उमेश सिंह का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद वह चुनाव लड़ेंगे और जेल मंत्री बनेंगे, तब जिन लोगों ने उनके खिलाफ आवाज उठाई है, उनके साथ बदला लेंगे।
मीना कनौजिया का ट्रांसफर, लेकिन कार्रवाई नहीं
इस पूरे मामले में सरकार ने कार्रवाई करते हुए डिप्टी जेलर मीना कनौजिया का ट्रांसफर नैनी जिला जेल में कर दिया है, लेकिन जेल अधीक्षक उमेश सिंह के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया।
महिला अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल
मीना कनौजिया ने कहा कि सरकार “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” के नारे को साकार नहीं कर पाएगी, अगर महिला अधिकारी और कर्मचारी खुद ही असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार महिला अधिकारियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी या यह मामला भी दबा दिया जाएगा?