नागपुर हिंसा पर एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान – ‘साजिश के तहत किया गया हमला, उपद्रवियों पर होगी कड़ी कार्रवाई’

नागपुर: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सोमवार रात नागपुर में हुई हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहले से प्लान करके किया गया हमला था और इस हिंसा में शामिल किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। शिंदे ने साफ किया कि सरकार दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
‘औरंगजेब की तारीफ कैसे की जा सकती है?’
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया कि सोमवार दोपहर को औरंगजेब के समर्थन में एक प्रदर्शन किया गया, लेकिन रात होते ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा, “इन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाए और हथियारों से हमला किया। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। यह हिंसा पूरी तरह से एक साजिश के तहत की गई है।”
शिंदे ने यह भी सवाल उठाया कि कोई औरंगजेब की तारीफ कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा, “औरंगजेब ने महाराष्ट्र पर हमला किया था। उसने मराठाओं पर अत्याचार किए। फिर कोई उसकी तारीफ कैसे कर सकता है?”
शहर में कड़ी सुरक्षा, पुलिस की 20 टीमें तैनात
नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने जानकारी दी कि शहर में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई है। शांति बहाल करने के लिए पुलिस की 20 टीमें तैनात की गई हैं और पूरे इलाके में सुरक्षा बलों को उतार दिया गया है।
चश्मदीदों ने बताई खौफनाक दास्तान
घटना के चश्मदीदों ने बताया कि उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढके हुए थे और हाथों में तलवार, डंडे और बोतलें लेकर आए थे। उन्होंने अचानक हमला शुरू कर दिया और घरों पर पत्थर फेंकने लगे, दुकानों में तोड़फोड़ की और आगजनी की। कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
सरकार की सख्त चेतावनी – किसी को बख्शा नहीं जाएगा
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि सरकार उपद्रवियों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं करेगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार किसी भी अराजकता को सहन नहीं करेगी। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।”
क्या नागपुर हिंसा से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाएगी?
नागपुर की इस हिंसा को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल तेज हो सकती है। राज्य में पहले से ही औरंगजेब की कब्र हटाने और हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। अब देखना होगा कि सरकार इस हिंसा पर क्या कदम उठाती है और क्या विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमला बोलेगा?