नागपुर हिंसा पर सियासत गरम: सांप्रदायिक तनाव के बीच नेताओं के तीखे बयान

नागपुर में हुई हिंसा के बाद शहर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है, जिससे राजनीतिक बहस तेज़ हो गई है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक नितेश राणे और समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अबु आज़मी आमने-सामने आ गए हैं।
नितेश राणे ने अबु आज़मी पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी नेता नितेश राणे ने अबु आज़मी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया और औरंगज़ेब के नाम पर विवादास्पद विचारधारा को भड़काने में भूमिका निभाई। राणे ने कहा कि अबु आज़मी जैसे नेता सामाजिक विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे देश की एकता और कानून-व्यवस्था को खतरा हो सकता है।
अबु आज़मी ने की शांति की अपील
अबु आज़मी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नागपुर हिंसा दुखद है और सभी समुदायों को शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी से बचने और सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
उद्धव ठाकरे ने सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस घटना पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “डबल इंजन सरकार” (केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार) कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है। ठाकरे ने कहा कि अगर सरकार हिंसा रोकने में नाकाम रही है, तो उसे राजीनामा देना चाहिए।
पुलिस पर हुए हमलों को लेकर चिंता
नितेश राणे ने नागपुर हिंसा में पुलिस पर हुए हमलों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह हमले सुनियोजित थे और इसके पीछे जिहादी मानसिकता काम कर रही थी। उन्होंने राज्य सरकार से इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
बढ़ते तनाव के बीच प्रशासन की चुनौती
नागपुर हिंसा के बाद राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव के बीच प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना एक चुनौती बन गया है।
अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर सरकार क्या ठोस कदम उठाती है और इस विवाद का राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।