नागपुर हिंसा: विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के 9 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी, 2 घंटे में मिली ज़मानत

नागपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के बाद औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने की घटना ने शहर में तनाव बढ़ा दिया। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा यह कृत्य किए जाने के बाद इलाके में दंगे भड़क उठे।
घटना कैसे हुई?
सोमवार दोपहर महल-गांधी गेट के सामने VHP और बजरंग दल द्वारा शिवाजी महाराज की जयंती का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम की पुलिस से अनुमति ली गई थी। हालांकि, इसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र बनाई, उसे हरी चादर से ढका और आग के हवाले कर दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद गहरा गया।
मामले में पुलिस कार्रवाई
इस घटना को लेकर गणेशपेठ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। बुधवार को VHP और बजरंग दल के 9 कार्यकर्ताओं ने कोतवाली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया, जिनमें गोविंद शेंडे, अमोल ठाकरे, डॉ. रामचंद्र दुबे, सुशील चौरसिया, वृषभ अर्खेल, शुभम अर्खेल, मुकेश बारापात्रे, कमल हरयानी और लखन कुरील शामिल थे।
बाद में पुलिस ने इन सभी को कोर्ट में पेश किया, जहां दो घंटे के भीतर ही उन्हें जमानत मिल गई।
थाने का घेराव और हिंसा
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान के नेतृत्व में 40-50 युवकों की भीड़ गणेशपेठ पुलिस थाने पहुंची। उन्होंने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई में देरी से उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने थाने का घेराव करने की कोशिश की।
जल्द ही स्थिति बेकाबू हो गई, और शाम को दोनों गुट आमने-सामने आ गए, जिसके बाद पथराव और हिंसा शुरू हो गई। इस हिंसा में तीन थानों में छह मुकदमे दर्ज कर 1250 संदिग्ध आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
अभी तक का अपडेट
- 9 कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया, 2 घंटे में जमानत मिली
- तीन पुलिस स्टेशनों में 6 केस दर्ज हुए
- 1250 संदिग्धों पर मामला दर्ज
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से विवाद बढ़ा
फिलहाल, पुलिस स्थिति को नियंत्रण में रखने और आगे की जांच करने में जुटी हुई है।