शिवाजी की महानता को कम करने के लिए गढ़ी गई थी झूठी कहानी: वंशजों ने की कुत्ते की मूर्ति और समाधि हटाने की मांग

मुंबई: छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजीराजे छत्रपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर रायगढ़ किले में बनी कुत्ते ‘वाघ्या’ की समाधि और मूर्ति को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह पूरी तरह से झूठी कहानी पर आधारित है और इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।
‘वाघ्या’ की कहानी को बताया झूठा
संभाजीराजे छत्रपति ने दावा किया कि ऐतिहासिक रूप से इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने वाघ्या नाम का कोई कुत्ता पाला था, जो उनकी मृत्यु के बाद उनकी चिता में कूद गया था। उन्होंने इस कथा को शिवाजी महाराज की विरासत को कमजोर करने की साजिश बताया।
31 मई से पहले समाधि हटाने की मांग
संभाजीराजे ने 22 मार्च को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 31 मई से पहले समाधि हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह रायगढ़ किले का अतिक्रमण है और इसे ऐतिहासिक सच्चाई के आधार पर हटाया जाना चाहिए।
ASI ने भी किया दावा, नहीं मिले प्रमाण
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने भी माना है कि ऐसे किसी कुत्ते का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। इसके बावजूद, इसे कानूनी रूप से एक विरासत स्थल के रूप में संरक्षित कर दिया गया है। संभाजीराजे का कहना है कि बिना प्रमाणों के किसी भी कथा को इतिहास का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।
राजनीतिक और ऐतिहासिक बहस तेज
संभाजीराजे की इस मांग के बाद इतिहासकारों और विभिन्न संगठनों के बीच बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे शिवाजी महाराज की लोककथाओं और परंपराओं से छेड़छाड़ बता रहे हैं। अब देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार इस पर क्या फैसला लेती है।