रईसजादों की बर्बरता: नौकरी के नाम पर तीन युवतियों का यौन शोषण, बियर पिलाकर करवाते थे नंगा नाच!

बांदा। नौकरी पाने की चाह में तीन सहेलियां रईसजादों के चंगुल में फंस गईं और उनके शोषण का शिकार बनती रहीं। आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को युवतियों ने पुलिस को एक पेन ड्राइव सौंपी, जिसमें उनके यौन शोषण के सुबूत मौजूद हैं।
बीयर-सिगरेट के लिए मजबूर करते थे, निर्वस्त्र डांस कराते थे
तीनों युवतियों का आरोप है कि शहर के तीन कारोबारी – आशीष अग्रवाल, स्वतंत्र साहू और लोकेंद्र सिंह चंदेल – ने उन्हें बीयर और सिगरेट पीने के लिए मजबूर किया, निर्वस्त्र डांस कराया और नशे की हालत में दुष्कर्म किया। जब उन्होंने नौकरी के लिए कहा, तो आरोपी उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगे।
अन्य लड़कियां भी हुईं शिकार, लेकिन बदनामी के डर से चुप
युवतियों ने पुलिस को बताया कि वे अकेली नहीं हैं, बल्कि कई और लड़कियां भी इन आरोपियों का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन बदनामी के डर से सामने नहीं आ रही हैं।
पुलिस की भूमिका पर सवाल, अब तक नहीं हुआ मेडिकल परीक्षण
इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। दो दिन बीत जाने के बावजूद अब तक युवतियों का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया, जिससे उनके बयान अदालत में दर्ज नहीं हो सके। मामले की विवेचना सीओ सिटी कर रहे हैं।
शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था मामला
22 मार्च की रात, शहर के अलग-अलग मोहल्लों की तीन युवतियों ने आशीष अग्रवाल, स्वतंत्र साहू और लोकेंद्र सिंह चंदेल के खिलाफ यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
छह महीने से हो रहा था शोषण, दो महीने बाद हुआ एहसास
तीनों सहेलियां इंटर कॉलेज के समय से दोस्त हैं। वे अलीगंज के रहने वाले नवीन कुमार के जरिए इन रईसजादों के संपर्क में आईं। नौकरी का झांसा देकर छह महीनों से इनका शारीरिक शोषण किया जा रहा था।
जब दो महीने बीत गए, तो युवतियों को एहसास हुआ कि उन्हें सिर्फ इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने दूरी बनाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उन्हें वापस बुलाने लगे।
जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का भी आरोप
तीनों युवतियों में से एक अनुसूचित जाति से है। युवतियों का आरोप है कि आरोपी उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते थे और गालियां देते थे।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप, क्या मिलेगा न्याय?
अब तक पुलिस ने मेडिकल परीक्षण नहीं कराया है, जिससे मामले की गंभीरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। युवतियों ने न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन पुलिस की ढिलाई से मामला दबाने की आशंका जताई जा रही है।