Breaking NewsCrime NewsUttar Pradesh

बुलंद हौसले से कैंसर को हराया, पर बेवफाई का दर्द न सह सकी – शबाना ने की आत्महत्या

बरेली। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के बानखाना की रहने वाली शबाना, जिसने कैंसर जैसी घातक बीमारी को हराया था, अपने पति की बेवफाई और ससुराल वालों की प्रताड़ना से टूट गई। पति की दूसरी शादी से आहत होकर शबाना ने फांसी लगाकर जान दे दी।

परिजनों के अनुसार, शबाना ने अपने सुसाइड नोट में पति, सौतन और ससुरालवालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने अपनी आखिरी ख्वाहिश में लिखा कि उसका शौहर उसके जनाजे को न देखने पाए और उसकी संपत्ति में से ससुरालवालों को कोई हिस्सा न मिले।

कैंसर से जीती, पर बेवफाई से हारी

शबाना के भाई अमान के मुताबिक, 2012 में उसकी शादी परतापुर गांव में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही उसे कैंसर हो गया, जिससे वह मां नहीं बन सकी। हालांकि, उसने हिम्मत नहीं हारी और इस जानलेवा बीमारी से जंग जीत ली। लेकिन इसके बाद पति का व्यवहार बदल गया। वह उसे मारता-पीटता और प्रताड़ित करता था।

पति ने की दूसरी शादी, सदमे में चली गई जान

परिवार का कहना है कि दो महीने पहले शबाना के पति ने दूसरी शादी कर ली। इससे शबाना को गहरा सदमा लगा और वह मायके आ गई। इसी तनाव में आकर उसने बुधवार को अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में लिखी दिल दहला देने वाली बातें

सुसाइड नोट में शबाना ने लिखा कि उसे ससुराल में बहुत तंग किया गया। उसने कहा कि उसकी संपत्ति उसकी बहनों को मिले और उसकी अंतिम क्रिया के लिए बाइक बेचकर मिले 19,000 रुपये ही काफी हैं।

शबाना की आखिरी ख्वाहिश:

  • उसका शौहर उसके जनाजे को न देखे।
  • उसकी संपत्ति में से पति या ससुरालवालों को कोई हिस्सा न मिले।
  • सारी संपत्ति उसकी तीनों बहनों को दी जाए।
  • बहनोई से अनुरोध किया कि उसकी बहन की जांच कराई जाए ताकि उसे औलाद हो सके।
  • दूधवाले के बकाया 75 रुपये चुका दिए जाएं।

पुलिस कर रही जांच

इंस्पेक्टर प्रेमनगर आशुतोष रघुवंशी ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। मायके वालों की तहरीर के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

शबाना की आत्महत्या ने समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
hi Hindi