पुणे में इंसानियत की मिसाल: मुस्लिम युवक ने हिंदू महिला के भाई को दी मुखाग्नि, उद्धव ठाकरे ने की प्रशंसा

पुणे जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने धार्मिक दीवारों को तोड़ते हुए मानवता की मिसाल पेश की। यहां एक मुस्लिम युवक ने संकट में फंसी एक हिंदू महिला की मदद करते हुए उसके भाई के अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया निभाई।
भाई की मौत से अकेली हुईं जयश्री किंकले
जयश्री किंकले नाम की महिला अपने 70 वर्षीय भाई सुधीर किंकले के साथ रहती थीं। दोनों के कोई और करीबी रिश्तेदार नहीं थे। बुधवार को जब सुधीर का निधन हो गया, तो जयश्री पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या थी—अंतिम संस्कार की।
मदद के लिए आगे आए जावेद खान
इस मुश्किल समय में सामाजिक कार्यकर्ता जावेद खान ने आगे बढ़कर जयश्री की मदद की। उनके दोस्त माइकल साठे ने जावेद को इस स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद जावेद तुरंत ससून अस्पताल पहुंचे और अंतिम संस्कार की सभी औपचारिकताएं पूरी करवाईं।
चूंकि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता, इसलिए अगले दिन सुबह सुधीर किंकले का अंतिम संस्कार किया गया। जावेद ने खुद उन्हें मुखाग्नि दी, जिससे मानवता की एक अनूठी तस्वीर बनी।
उद्धव ठाकरे ने की सराहना
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग जावेद खान की जमकर सराहना कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी जावेद को फोन कर उनकी प्रशंसा की और कहा, “आपने जो नेक काम किया है, उसकी खबर मुझ तक पहुंची है। मैं आपकी लंबी उम्र की कामना करता हूं।”
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि इंसानियत धर्म से ऊपर होती है और संकट के समय मानवता ही सबसे बड़ी ताकत होती है।