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म्यांमार में भीषण भूकंप से 1600 से ज्यादा की मौत, गृहयुद्ध पर अस्थायी विराम

म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 1,644 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,408 से अधिक लोग घायल हैं। इस विनाशकारी भूकंप के बाद देश में गृहयुद्ध के बीच लड़ रहे विद्रोही गुटों ने राहत और बचाव कार्य के लिए दो हफ्ते का संघर्ष विराम घोषित किया है।

गृहयुद्ध के बीच राहत कार्यों को प्राथमिकता

पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) ने 30 मार्च 2025 से म्यांमार के भूकंप प्रभावित इलाकों में दो सप्ताह तक सैन्य कार्रवाई रोकने का ऐलान किया है। शैडो नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) ने कहा कि वे राहत कार्यों में संयुक्त राष्ट्र और गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करेंगे, ताकि प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता मिल सके।

भूकंप का कहर

भूकंप का केंद्र मांडले शहर के पास था, जिससे कई इमारतें ढह गईं, पुल टूट गए और एक बांध भी क्षतिग्रस्त हो गया। भूकंप के बाद 6.4 तीव्रता के झटके भी महसूस किए गए, जिससे स्थिति और खराब हो गई। राजधानी नेपीता में सड़कों की मरम्मत जारी है, लेकिन बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं ठप हैं।

राहत एवं बचाव कार्यों में अंतरराष्ट्रीय सहायता

म्यांमार सरकार ने खून की भारी मांग बताई है। चीन ने 135 से अधिक बचावकर्मियों, मेडिकल किट और अन्य राहत सामग्री भेजी है। रूस, मलेशिया और भारत ने भी सहायता भेजी है। भारत ने एक मेडिकल टीम और राहत सामग्री के साथ एक बचाव दल म्यांमार भेजा है।

थाईलैंड में भी भूकंप का असर

भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किए गए। बैंकॉक समेत अन्य इलाकों में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 78 लोग लापता हैं। एक 33-मंजिला इमारत भूकंप के दौरान ढह गई, जिससे वहां अफरातफरी मच गई।

म्यांमार पहले ही गृहयुद्ध और मानवीय संकट का सामना कर रहा था, और अब इस भूकंप ने स्थिति और भयावह बना दी है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं।

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