ईद-उल-फितर 2025: यूपी में नमाज पर पाबंदी से हंगामा, कई जिलों में पुलिस से झड़प

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में ईद-उल-फितर 2025 के अवसर पर नमाज अदा करने को लेकर कई जिलों में विवाद हुआ। सड़कों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध के चलते मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर सहित कई स्थानों पर पुलिस और नमाजियों के बीच झड़प देखने को मिली।
मेरठ और मुरादाबाद में हंगामा
मेरठ और मुरादाबाद में ईदगाह में नमाज अदा करने पहुंचे लोगों को जब पुलिस ने रोका, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। मुरादाबाद में गलशहीद क्षेत्र की ईदगाह में जगह की कमी के कारण हजारों लोग अंदर नहीं जा सके। जब उन्होंने सड़क पर नमाज अदा करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे हंगामा हो गया। बाद में प्रशासन ने दूसरी शिफ्ट में नमाज अदा कराने का फैसला लिया।
मेरठ में भी हालात तनावपूर्ण रहे। ईदगाह स्थल भरने के बाद पुलिस ने मुख्य रास्तों को बंद कर दिया और दंगा नियंत्रण वाहन तैनात किए। गलियों से नमाजियों के आने पर पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जिससे झड़प हो गई। हालांकि, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में स्थिति को संभाल लिया गया और नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
सहारनपुर में फिलिस्तीन का झंडा लहराया
सहारनपुर में ईद की नमाज के बाद कुछ लोगों ने फिलिस्तीन का झंडा लहराया और कुछ ने हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। पुलिस प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किया गया।
लखनऊ में अखिलेश यादव का बयान
लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐशबाग ईदगाह पहुंचकर आरोप लगाया कि सरकार ने ईद के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने पहले कभी इतनी बैरिकेडिंग नहीं देखी। पुलिस ने मुझे अंदर जाने से रोका। बड़ी मुश्किल से मैं आ सका। अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। यह तानाशाही है।”
उन्होंने आगे कहा कि “आज देश के संविधान को सबसे बड़ा खतरा है। बीजेपी सरकार लोगों को असली मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है।” अखिलेश ने भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाते हुए कहा कि “एक आईएएस अधिकारी फरार है, मैं तो कहूंगा कि वह सीएम आवास में ही छुपा है।”
स्थिति नियंत्रण में, सुरक्षा बढ़ाई गई
उत्तर प्रदेश में ईद के दिन किसी भी अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन हाई अलर्ट पर था। पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। हालांकि, कुछ स्थानों पर तनाव जरूर देखने को मिला, लेकिन किसी बड़े संघर्ष की सूचना नहीं है। प्रशासन ने आगे भी सतर्कता बनाए रखने का आश्वासन दिया है।