पुणे के राज्यस्तरीय बाजार समितियों की बैठक में मंत्री अब्दुल सत्तार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ शहर के निगड़ी इलाके में आयोजित राज्यस्तरीय बाजार समितियों की बैठक के दौरान कृषि विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। इस बैठक में महाराष्ट्र की सभी बाजार समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव शामिल हुए थे। बैठक के दौरान “अब्दुल सत्तार का क्या करना है? नीचे सिर, ऊपर पैर!” और “पचास खोके, एकदम ओके” जैसे नारे लगाए गए, जो राज्य की राजनीति में पहले से चर्चित नारों का हिस्सा हैं।
बैठक का उद्देश्य:
यह राज्यस्तरीय बैठक महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन मंडल की ओर से आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य बाजार समितियों के कार्य में समयानुकूल बदलाव, किसानों की उपज के विपणन में आधुनिक तकनीकों को अपनाना, किसानों और अन्य संबंधित वर्गों को दी जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा करना और आने वाली चुनौतियों के समाधान पर विचार-विमर्श करना था। इस बैठक का आयोजन निगड़ी के ग. दि. माडगुलकर नाट्यगृह में किया गया था।
क्या हुआ बैठक में?
बैठक का उद्घाटन कृषि विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा किया गया। हालांकि, मंत्री सत्तार करीब डेढ़ घंटे देर से पहुंचे, जिससे प्रतिनिधियों के बीच असंतोष फैल गया। मंच पर आते ही सत्तार ने केवल एक प्रतिनिधि को बोलने का निर्देश दिया और बाकी सभी को विवाद उत्पन्न करने वाले बयान देने से मना किया। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जाना है और फिर वहां से तुरंत निकल गए।
जब अब्दुल सत्तार मंच से जा रहे थे, तभी बाजार समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिवों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। “अब्दुल सत्तारचे करायचे काय? खाली डोक वर पाय, !” और “पचास खोके, एकदम ओके” जैसे नारों ने माहौल को गर्म कर दिया। इन नारों के चलते सत्तार ने मंच से जल्दबाजी में निकलने का निर्णय लिया और बिना किसी प्रतिक्रिया के कार्यक्रम स्थल से चले गए।
नाराजगी की वजह:
प्रतिनिधियों में असंतोष तब और बढ़ा जब सत्तार ने उनके सवालों का जवाब देने के बजाय केवल एक प्रतिनिधि को बोलने का मौका दिया और बैठक छोड़ दी। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि वे सवाल जरूर पूछें, लेकिन कोई विवाद उत्पन्न न हो। इसके बाद, उनके व्यवहार को लेकर सभी प्रतिनिधियों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर सकती है, खासकर जब राज्य के कई हिस्सों में कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा गर्म है।