“युवा भड़के तो पूरे देश में शांति व्यवस्था भंग हो सकती है” यति नरसिंहानंद की आपत्तिजनक टिप्पणी पर देशभर में राजनीति गरमाई, AIMPLB ने गिरफ्तारी की मांग की
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद और कुरान को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से देशभर में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है। यति नरसिंहानंद के बयान को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में गहरा असंतोष देखा जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कई जगहों पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस विवाद ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, और विभिन्न संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
AIMPLB की कड़ी प्रतिक्रिया: नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस विवाद पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की है। AIMPLB के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यह बयान इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में की गई एक गंभीर और असहनीय गुस्ताखी है। रहमानी ने चेतावनी दी कि इस प्रकार के बयान लाखों मुसलमानों की भावनाओं को आहत करते हैं और यदि इसका असर युवा वर्ग पर हुआ तो पूरे देश में शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
रहमानी ने अपने बयान में कहा, “यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। इस्लाम स्पष्ट रूप से सभी धर्मों के पवित्र व्यक्तित्वों का सम्मान करने की शिक्षा देता है, चाहे हम उन पर विश्वास करते हों या नहीं। कुरान में भी यह निर्देश दिया गया है कि किसी अन्य धर्म के देवी-देवताओं को बुरा-भला न कहा जाए।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी धर्मों का सम्मान आवश्यक है।
धर्म के प्रति सम्मान और संयम का संदेश
AIMPLB के अध्यक्ष ने इस्लाम की शांतिपूर्ण और सहिष्णु शिक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम एक ऐसे धर्म का प्रचार करता है जो एक ईश्वर में विश्वास रखता है और मूर्ति पूजा को नहीं मानता, लेकिन साथ ही, यह अन्य धर्मों के देवी-देवताओं का अपमान करने से भी मना करता है। यह समाज में शांति और संतुलन बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, जो विभिन्न धार्मिक समुदायों को जोड़ने और साथ में रहने की दिशा में काम करता है।
रहमानी ने अपने बयान में यह भी कहा कि ऐसे बयान देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, “अगर इस तरह के बयान पर युवा भड़कते हैं, तो पूरे देश के हालात बिगड़ सकते हैं। इस तरह की स्थिति से बचने के लिए हमें कानून का सहारा लेना होगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
मुसलमानों से संयम रखने की अपील
मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इस विवाद पर मुसलमानों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह बयान एक बेतुके व्यक्ति का है, और इसे देश के सभी नागरिकों की सोच नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे देश में कई ऐसे हमवतनी भाई हैं जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद की जीवनी लिखी है और उनकी तारीफ की है। महात्मा गांधी भी इस्लाम के पैगंबर को आज की मानवता के लिए एक आदर्श मानते थे। इस प्रकार की बेतुकी बातें करने वाले लोग समाज की मुख्य धारा का हिस्सा नहीं होते हैं।”
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
यति नरसिंहानंद के बयान के बाद यह मामला तेजी से राजनीतिक रूप ले रहा है। कई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन इस मामले में अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई नेताओं ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की है और सरकार से यति नरसिंहानंद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं दूसरी ओर, नरसिंहानंद के समर्थक उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देकर उनका बचाव कर रहे हैं।
यह विवाद एक ऐसे समय में उभरा है जब देश में पहले से ही कई साम्प्रदायिक और धार्मिक मुद्दे चर्चा में हैं। ऐसे में इस प्रकार के बयान न केवल सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं बल्कि राजनीतिक और धार्मिक विभाजन को और गहरा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
यति नरसिंहानंद द्वारा की गई टिप्पणी ने देश में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले में AIMPLB जैसी महत्वपूर्ण संस्था ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन की संभावना है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और किस प्रकार से सामाजिक शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई करती है।