औरंगाबाद शहर के 29 कैफे पर पुलिस और महापालिका की बड़ी कार्रवाई, अवैध धंधों का भंडाफोड़
औरंगाबाद : शनिवार को शहर के गहरे इलाकों में स्थित कैफे पर पुलिस और महापालिका की संयुक्त कार्रवाई के बाद कई अवैध धंधों का पर्दाफाश हुआ। इन कैफे में अवैध गतिविधियों की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिसके बाद पुलिस और महापालिका ने मिलकर इन पर छापेमारी की। शहर के गजबजाहट वाले हिस्सों में 29 कैफे को निशाना बनाते हुए कार्रवाई की गई, जहां खुलेआम अनैतिक गतिविधियां चल रही थीं। इन कैफे की सेटिंग बियर बार से भी अधिक डार्क लाइट में की गई थी, ताकि बाहर से किसी को अंदर की गतिविधियों का अंदाजा न हो सके।
कैफे में अवैध धंधे:
शहर में तेजी से फैलते इन कैफे की अंदरूनी व्यवस्था ऐसी थी कि मात्र 100 रुपये में एक घंटे के लिए कमरे उपलब्ध कराए जा रहे थे, जहां स्वैराचार जैसी गतिविधियां चल रही थीं। पुलिस को कई दिनों से इन कैफे की शिकायतें मिल रही थीं कि यहां अवैध रूप से अनैतिक काम हो रहे हैं। इन शिकायतों के आधार पर पुलिस और महापालिका के पथक ने पहले इन कैफे की रेकी की, ताकि उनके बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा सके।
छापेमारी की योजना:
शनिवार को महापालिका और पुलिस की आठ टीमें बनाई गईं, जिन्हें क्रांती चौक पर महापालिका के अतिरिक्त आयुक्त आनंद वाहूळ द्वारा ब्रीफिंग दी गई। पुलिस आयुक्त और महापालिका प्रशासक से हरी झंडी मिलने के बाद टीमों ने एकसाथ 29 कैफे पर छापेमारी शुरू की। इस ऑपरेशन के लिए क्राइम ब्रांच और एनडीपीएस (नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) पथक को भी शामिल किया गया था, ताकि किसी प्रकार की अवैध दवाओं या ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों पर भी नज़र रखी जा सके।
महापालिका का योगदान:
कार्रवाई के दौरान कई कैफे में अनधिकृत निर्माण पाए गए, जिन्हें तुरंत महापालिका की टीम ने गिरा दिया। महापालिका का विशेष दल इस अभियान में दिमती के रूप में शामिल था। इस टीम ने उन कैफे की इमारतों पर ध्यान केंद्रित किया, जो बिना अनुमति के बनी थीं या जिनका निर्माण नियमों के विरुद्ध किया गया था।
कैफे मालिकों में हड़कंप:
इस कार्रवाई के बाद शहर के अन्य कैफे मालिकों में खलबली मच गई है। अब उनकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगली कार्रवाई कब और कहां होगी। नागरिकों में भी इस बात की चर्चा है कि बाकी बचे कैफे पर कार्रवाई कब की जाएगी, क्योंकि कई कैफे अभी भी इसी तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त बताए जा रहे हैं।
पुलिस की सतर्कता:
पुलिस उपायुक्त (गुन्हे शाखा) प्रशांत स्वामी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस तरह के ऑपरेशन लगातार करता रहेगा। उनका कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शहर में कोई भी कैफे या स्थान अवैध धंधों का केंद्र न बने।
इस कार्रवाई के बाद शहर में पुलिस की मौजूदगी और उनकी तत्परता पर नागरिकों का भरोसा मजबूत हुआ है। इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और महापालिका की संयुक्त पहल को सराहा जा रहा है। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद शहर के अन्य कैफे मालिकों में भय का माहौल है, क्योंकि अब उनके ऊपर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
नागरिकों की प्रतिक्रिया:
शहर के नागरिकों ने इस कार्रवाई की सराहना की है। उनका कहना है कि ऐसे कैफे, जो अनैतिक कामों का अड्डा बन गए थे, समाज के लिए खतरनाक हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि अब शहर में स्वच्छता और कानून-व्यवस्था कायम रहेगी।