महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शिवसेना की दशहरा रैली में महा विकास आघाडी (एमवीए) की सफलता को संक्षिप्त बताते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में इसे दोहराने की संभावना पर सवाल उठाए। शिंदे ने अपने भाषण में उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की तुलना असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से की, जिसमें उन्होंने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति पर निशाना साधा।
विकास में बाधा डालने वाली सरकार को हटाने का दावा
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने विकास में बाधा डालने वाली पूर्व सरकार को हटाया। उन्होंने कहा, “हमने उस सरकार को हटा दिया जिसने विकास पर गतिरोधक लगाए और प्रगति को बाधित किया।” उन्होंने शिवसैनिकों को यह भरोसा दिलाया कि वे अपने आदर्शों से पीछे नहीं हटेंगे। “एक सच्चा शिवसैनिक कभी भी युद्ध के मैदान या अपने आदर्शों को नहीं छोड़ता।” उन्होंने अपने विरोधियों को एक साहसिक बयान देते हुए चेतावनी दी कि “मैं बालासाहेब का शिवसैनिक हूं। मुझे हल्के में मत लीजिए।”
असली शिवसेना होने का दावा
शिंदे ने लोकसभा चुनाव में महा विकास आघाडी की अस्थायी सफलता को लेकर कहा, “लोकसभा चुनाव में, महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सफलता संयोगवश थी, स्थायी नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ सीधे मुकाबले में उनकी पार्टी ने 7 सीटें जीतीं, जो यह दर्शाता है कि वे असली शिवसेना हैं। शिंदे ने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ अपनी बगावत का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने असली शिवसेना को उन लोगों से आजाद कराया है जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के साथ विश्वासघात किया।
विपक्ष पर तीखी आलोचना
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का एक बड़ा हिस्सा विपक्ष की तीखी आलोचना के लिए उपयोग किया। “यह आजाद शिवसेना की आजाद रैली है। आज आजाद मैदान में भगवा लहर है, लेकिन यह शर्मनाक है कि शिवसेना यूबीटी महज कंकड़ को हीरा समझकर उन्हें हिंदू कह रही है,” उन्होंने कहा। शिंदे ने उन लोगों का मजाक उड़ाया, जिन्होंने उनकी सरकार के गिरने की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार महाराष्ट्र विपक्षी गठबंधन को घर भेजकर सत्ता में आई है।”
आगामी चुनावों में महायुति की सफलता का विश्वास
एकनाथ शिंदे ने यह विश्वास व्यक्त किया कि महाराष्ट्र के लोग आगामी चुनावों में महायुति को निर्णायक जनादेश देंगे। “मेरे प्यारे भाई-बहन, वरिष्ठ नागरिक और किसान इस सरकार के ब्रांड एंबेसडर हैं। हम लोगों के सामने मजबूती से खड़े हैं। आइए विपक्ष के झूठे आख्यान को तोड़ें और हिंदुत्व के गौरव को बनाए रखें,” उन्होंने कहा।
धारावी पुनर्विकास परियोजना का मुद्दा
शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार धारावी पुनर्विकास परियोजना के टेंडर को रद्द नहीं करेगी, जिसका टेंडर उद्योगपति गौतम अदाणी की कंपनी को दिया गया है। इस संदर्भ में, उद्धव ठाकरे ने यह बयान दिया था कि वे सत्ता में आते ही इस टेंडर को रद्द कर देंगे। शिंदे ने ठाकरे के इस दावे को भी चुनौती दी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का यह भाषण आगामी चुनावों के लिए उनकी पार्टी की रणनीति को स्पष्ट करता है। उन्होंने न केवल महा विकास आघाडी के प्रति अपनी असहमति जताई, बल्कि अपने समर्थकों को यह भी आश्वस्त किया कि वे वास्तविक शिवसेना के रूप में अपनी पहचान बनाए रखेंगे। शिंदे के साहसी और दृढ़ भाषण ने यह दर्शाया कि वे चुनावी मुकाबले में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि वे अपने आदर्शों के प्रति वफादार रहकर अपनी सरकार को स्थिरता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।